
वेटरनरी विश्वविद्यालय में डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण हुआ पूरा
लुधियाना, 17 मई 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में दो सप्ताह का डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इसमें पंजाब के विभिन्न जिलों से 43 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया, जिनमें 40 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल थीं।
लुधियाना, 17 मई 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में दो सप्ताह का डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इसमें पंजाब के विभिन्न जिलों से 43 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया, जिनमें 40 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल थीं।
डॉ. रविन्द्र सिंह ग्रेवाल, निदेशक प्रसार शिक्षा ने समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए पशुपालकों और संबंधित व्यवसायों की अर्थव्यवस्था, स्थिरता और कल्याण को मजबूत करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता दोहराई। डेयरी फार्मिंग की बढ़ती लोकप्रियता और लाभप्रदता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय डेयरी फार्मिंग को पेशे के रूप में अपनाने में रुचि रखने वालों को व्यापक जानकारी और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने प्रशिक्षुओं की सक्रिय भागीदारी की सराहना की तथा उन्हें डेयरी फार्मिंग को एक व्यवहार्य और टिकाऊ पेशे के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. जसविंदर सिंह, पाठ्यक्रम निदेशक एवं वेटरनरी प्रसार शिक्षा विभाग के प्रमुख ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम सैद्धांतिक और व्यावहारिक सत्रों का एक संतुलित संयोजन था। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य आधुनिक डेयरी फार्मिंग के लिए आवश्यक वैज्ञानिक ज्ञान और व्यावहारिक कौशल प्रदान करना था।
प्रशिक्षण के दौरान विषय विशेषज्ञों ने आवास, प्रजनन, पोषण, स्वास्थ्य प्रबंधन, एकीकृत खेती, रोग निवारण, सामान्य बीमारियाँ, स्वच्छ दूध उत्पादन, जैव सुरक्षा, पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियाँ, दूध व्यवसाय से संबंधित विपणन नीतियाँ तथा गुणवत्तापूर्ण उत्पाद जैसे विषयों पर ज्ञान साझा किया। प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम का संयोजन डॉ. जैस्मीन कौर और डॉ. प्रतीक सिंह धालीवाल द्वारा बहुत ही अच्छे ढंग से किया गया।
डॉ. जसविंदर सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय 19 मई, 2025 से अपने लुधियाना परिसर में पांच दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है। इच्छुक शिक्षार्थी इसमें भाग ले सकते हैं।
