कमांडो के लिए नागरिक सुरक्षा प्राथमिक चिकित्सा सीपीआर प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

पटियाला- डिप्टी कमिश्नर पटियाला के आदेशों के बाद पंजाब होमगार्ड सिविल डिफेंस जिला कमांडर गुरलवदीप सिंह के नेतृत्व में जिले के विद्यार्थियों, नागरिकों और कर्मचारियों को सिविल डिफेंस, प्राथमिक उपचार, सीपीआर, घायलों की देखभाल, अग्नि सुरक्षा, युद्ध के दौरान गैसों और धुएं से बचने और युद्ध स्तर पर कीमती जान बचाने संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

पटियाला- डिप्टी कमिश्नर पटियाला के आदेशों के बाद पंजाब होमगार्ड सिविल डिफेंस जिला कमांडर गुरलवदीप सिंह के नेतृत्व में जिले के विद्यार्थियों, नागरिकों और कर्मचारियों को सिविल डिफेंस, प्राथमिक उपचार, सीपीआर, घायलों की देखभाल, अग्नि सुरक्षा, युद्ध के दौरान गैसों और धुएं से बचने और युद्ध स्तर पर कीमती जान बचाने संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस संबंध में भारत सरकार के आपदा प्रबंधन नागरिक सुरक्षा प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षक एवं प्लाटून कमांडर तरविंदर सिंह बहादुरगढ़ स्थित पंजाब पुलिस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर में करीब 100 कमांडो को प्रशिक्षण देने पहुंचे। 
कमांडो को बताया गया कि दुर्घटनाओं, अनहोनी और दौरे की स्थिति में सांस और हृदय गति रुकने, मस्तिष्क में ऑक्सीजन और ग्लूकोज की आपूर्ति कुछ मिनटों के लिए बंद हो जाने, तथा गले में कोई बाहरी वस्तु फंस जाने के कारण अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण पीड़ित कुछ ही मिनटों में मर जाता है। उन्होंने एक प्रायोगिक परीक्षण किया और बताया कि गैस, धुआं, पानी और मलबे से बचाए गए बेहोश, घायल, हृदय या मिर्गी के रोगियों को वेंटिलेटर पर या रिकवरी पोजीशन में रखा जाना चाहिए। पीड़ितों की एबीसीडी करें।
लेकिन पानी पिलाना, हाथ-पैरों की मालिश करना और चेहरे पर पानी छिड़कना हानिकारक है। हृदय, मस्तिष्क या श्वसन गिरफ्तारी के मामलों में सीपीआर या वेंटिलेटर-सहायता प्राप्त कृत्रिम श्वसन के व्यावहारिक तरीकों का प्रदर्शन करना। डीएसपी हरदीप सिंह बडूंगर ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपातकालीन यातायात दुर्घटनाओं, युद्धों, महामारी और आपदाओं के समय घटना स्थल पर उपलब्ध कराई गई तत्काल प्राथमिक चिकित्सा, सीपीआर और संबंधित विधियां ही बहुमूल्य जीवन को बचाने में सहायक सिद्ध होती हैं।
उन्होंने कहा कि अफवाहों पर विश्वास न करें, सटीक जानकारी के लिए कंट्रोल रूम से संपर्क करें। अवांछित वस्तुएं, खिलौने, गिरे हुए मोबाइल वॉलेट को उठाने की बजाय तुरंत कंट्रोल रूम या 112 पर पूरी सूचना देनी चाहिए। प्रशासन, पुलिस व सरकारों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि काका राम वर्मा वरिष्ठ नागरिक होने के बावजूद निस्वार्थ सेवा की भावना से पिछले 45 वर्षों से विद्यार्थियों, शिक्षकों, पुलिस फैक्ट्री कर्मचारियों, एनएसएस स्वयंसेवकों और एनसीसी कैडेटों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।