
सोनी पब्लिक स्कूल में मनाया गया पृथ्वी बचाओ दिवस।
आज विश्व में विश्व पृथ्वी बचाओ दिवस मनाया जा रहा है। धरती माता की सुंदरता ईश्वर अर्थात धरती, आकाश अर्थात शुद्ध व निर्मल आकाश तथा वातावरण अर्थात वायु, अर्थात हवाएं, अग्नि (सूर्य) तथा जल अर्थात जल है। यह विचार प्रिंसिपल श्रीमती रमनदीप कौर, सोनी पब्लिक स्कूल पटियाला ने विद्यार्थियों को धरती पीने वाली मिट्टी, प्रदूषण रहित वातावरण, शांति, विनम्रता, सहनशीलता, मधुर वाणी, आज्ञाकारिता तथा अधिक से अधिक पौधे लगाकर धरती माता को सुंदर बनाने के बारे में बताए।
आज विश्व में विश्व पृथ्वी बचाओ दिवस मनाया जा रहा है। धरती माता की सुंदरता ईश्वर अर्थात धरती, आकाश अर्थात शुद्ध व निर्मल आकाश तथा वातावरण अर्थात वायु, अर्थात हवाएं, अग्नि (सूर्य) तथा जल अर्थात जल है। यह विचार प्रिंसिपल श्रीमती रमनदीप कौर, सोनी पब्लिक स्कूल पटियाला ने विद्यार्थियों को धरती पीने वाली मिट्टी, प्रदूषण रहित वातावरण, शांति, विनम्रता, सहनशीलता, मधुर वाणी, आज्ञाकारिता तथा अधिक से अधिक पौधे लगाकर धरती माता को सुंदर बनाने के बारे में बताए।
श्री काका राम वर्मा, सेवानिवृत्त प्रशिक्षण पर्यवेक्षक रेडक्रॉस सोसायटी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण जी ने भी भगवद गीता में कहा है कि ईश्वर अर्थात धरती, आकाश, हवाएं, अग्नि तथा शुद्ध व निर्मल जल में निवास करते हैं जहां से प्रत्येक जीव, पशु, पक्षी, मनुष्य को भोजन, जल, हवाएं, फूल, फल, सब्जियां, दालें मिलती हैं। श्री गुरु नानक देव जी ने भी धरती माता की महत्ता के बारे में कहा कि पवन गुरु पानी पिता माता धरती महतु।
भावना शर्मा व श्रीमती रीना अध्यापिकाओं ने धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रत्येक मनुष्य, विद्यार्थी, अध्यापक, नागरिक को प्रण लेना चाहिए कि पर्यावरण को प्रदूषित करके व आग लगाकर ईश्वर को नष्ट नहीं करेंगे, बल्कि अधिक से अधिक पौधे लगाकर पेयजल व मिट्टी की उर्वरता को बचाने का प्रयास करेंगे। प्रत्येक व्यक्ति वर्ष में 10/20 पौधे अवश्य लगाएगा तथा उनकी सुरक्षा, संरक्षण, सम्मान, समृद्धि व उन्नति के लिए प्रयास करेगा।
प्रिंसिपल श्रीमती रमनदीप कौर ने बच्चों को फलों की गुठली को फेंकने की बजाय किसी भी मिट्टी में दबाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बच्चों को बताया कि फर्श, वाहन व सड़कों की सफाई के लिए प्रयोग होने वाला पानी, जिसे बिजली के माध्यम से धरती से निकाला जाता है, उसकी कीमत 20/30 रुपये प्रति बाल्टी है। इसका मतलब है कि हम 1500 रुपये प्रति माह व 18,000 रुपये प्रति वर्ष बर्बाद कर रहे हैं।
