मनोरंजन कालिया के घर पर हुए ग्रेनेड हमले की जांच एनआईए करेगी

जालंधर - पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया के घर पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले की जांच अब एनआईए करेगी। इससे पहले पंजाब पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। वहीं पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया के घर पर हुए हैंड ग्रेनेड हमले के मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है। घटना में शामिल ई-रिक्शा चालक सतीश के भाई हैरी का मोबाइल फोन, जिससे यूपीआई के माध्यम से 3700 रुपए ट्रांसफर किए गए, चोरी का मोबाइल फोन था, लेकिन इसकी चोरी के बारे में पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। जालंधर पुलिस उन लोगों की गरीबी देखकर लौट गई, लेकिन उनकी मानसिकता की जांच नहीं की गई।

जालंधर - पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया के घर पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले की जांच अब एनआईए करेगी। इससे पहले पंजाब पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। वहीं पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया के घर पर हुए हैंड ग्रेनेड हमले के मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है। घटना में शामिल ई-रिक्शा चालक सतीश के भाई हैरी का मोबाइल फोन, जिससे यूपीआई के माध्यम से 3700 रुपए ट्रांसफर किए गए, चोरी का मोबाइल फोन था, लेकिन इसकी चोरी के बारे में पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। जालंधर पुलिस उन लोगों की गरीबी देखकर लौट गई, लेकिन उनकी मानसिकता की जांच नहीं की गई।
आतंकी पुलिस की जांच से 10 कदम आगे चल रहे हैं और आज इस बात की पुष्टि हो गई कि जालंधर पुलिस नोएडा की झोपड़ी से चोरी हुए मोबाइल फोन के बारे में ज्यादा इनपुट नहीं जुटा पाई। नोएडा के बाद हरियाणा पुलिस ने कुरुक्षेत्र में भी इसी हमले में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि जालंधर पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से उसी रात दोनों मसेरा भाइयों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन इस मामले को लेकर जालंधर पुलिस मीडिया से दूरी बनाए हुए है, हालांकि पुलिस अधिकारियों ने कुछ कर्मचारी भी रखे हुए हैं जो मीडिया को गलत जानकारी दे रहे हैं और वही लिख भी रहे हैं।
क्या एन.आई.ए. अभियुक्त को हिरासत में ले सकती है?
कालिया के घर पर हुए हैंड ग्रेनेड हमलों की जिम्मेदारी अब एनआईए ने ले ली है। एनआईए की टीम बुधवार को दोबारा जालंधर आई और कई साक्ष्य एकत्र किए तथा घटनास्थल के साथ-साथ थाना नंबर 3 और गिरफ्तार आरोपियों को रखने वाले स्थान पर भी पूछताछ की।
यह भी संभव है कि ई-रिक्शा चालक सतीश और उसके चचेरे भाई हैरी को जालंधर पुलिस ने घटना के 12 घंटे के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन एक सप्ताह बाद अब एनआईए इस मामले की आंतरिक जांच करेगी, हालांकि हैंड ग्रेनेड फेंकने वाले आरोपी सैदुल को गिरफ्तार करने में भी एनआईए की अहम भूमिका रही है। सूत्रों के अनुसार एनआईए ने अलग से एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच आगे बढ़ा दी है।
गरीबी का फायदा उठाना
ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकवादी और बदमाश चंद रुपयों का लालच देकर गरीबी का फायदा उठा रहे हैं। जालंधर के ई-रिक्शा चालक सतीश को 3,700 रुपये दिए गए, जबकि हैंड ग्रेनेड फेंकने वाले वेल्डर को केवल 60,000 रुपये दिए गए। ये आरोपी पंजाब की शांति और सौहार्द को भंग करने के लिए गरीबों या उग्रवादियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आतंकवादियों के लिए सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों को ढूंढना बेहद आसान हो गया है जो शांति भंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।