डीटीएफ ने शिक्षण संस्थाओं द्वारा पंजाबी भाषा की अनदेखी की कड़ी निंदा की

गरशंकर 16 अप्रैल- राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद पंजाब द्वारा जारी पांचवीं कक्षा के परीक्षा प्रमाण पत्रों पर बच्चों के नाम केवल अंग्रेजी में छापने की कड़ी निंदा करते हुए डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के राज्य संयुक्त सचिव मुकेश कुमार, जिला अध्यक्ष सुखदेव डांसवाल, जिला सचिव इंद्रसुखदीप सिंह ओदरा ने कहा कि शिक्षा विभाग से संबंधित संस्थाओं का अंग्रेजी मोह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है तथा पंजाब राज्य भाषा अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।

गरशंकर 16 अप्रैल- राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद पंजाब द्वारा जारी पांचवीं कक्षा के परीक्षा प्रमाण पत्रों पर बच्चों के नाम केवल अंग्रेजी में छापने की कड़ी निंदा करते हुए डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के राज्य संयुक्त सचिव मुकेश कुमार, जिला अध्यक्ष सुखदेव डांसवाल, जिला सचिव इंद्रसुखदीप सिंह ओदरा ने कहा कि शिक्षा विभाग से संबंधित संस्थाओं का अंग्रेजी मोह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है तथा पंजाब राज्य भाषा अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। 
उन्होंने कहा कि यदि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद पंजाब जैसी शैक्षिक मार्गदर्शन संस्थाएं भी पंजाबी भाषा के प्रयोग के संबंध में भाषा विभाग पंजाब द्वारा जारी निर्देशों का पालन करेंगी तो अन्य संस्थाओं से क्या उम्मीद की जा सकती है? इस संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद पंजाब द्वारा जारी किए गए कक्षा 5 के परीक्षा प्रमाण पत्रों पर बच्चों और उनके अभिभावकों के नाम अंग्रेजी में छपे हैं, जबकि पिछले वर्षों में ये पंजाबी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में छपते रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि यह तब हो रहा है जब पंजाब के शिक्षा एवं भाषा मंत्री प्रेस कांफ्रेंस कर पंजाबी भाषा के प्रति अपनी वचनबद्धता जाहिर करते हैं। जबकि हकीकत में 'पंच का मुखिया जो कहे, पंच का मुखिया वहीं, पंच का मुखिया वहीं'। पिछले दिनों केंद्रीय सीबीएसई बोर्ड ने भी पंजाबी को क्षेत्रीय भाषाओं में स्थान देने से मना कर दिया था, जिसका व्यापक विरोध हुआ और सीबीएसई को संशोधन पत्र जारी करना पड़ा। 
नेताओं ने आरोप लगाया कि यह सब राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत क्षेत्रीय भाषाओं की अनदेखी की नीति के तहत किया जा रहा है, जिसे लागू करने में आम आदमी पार्टी सरकार केंद्र सरकार से ज्यादा जल्दबाजी करती नजर आ रही है। दिखावे के लिए शिक्षा मंत्री और अन्य सरकारी नुमाइंदे पंजाबी भाषा के प्रति बड़ी हिकारत दिखाते हैं, जबकि उनकी आंखों के सामने ही शिक्षण संस्थान पंजाबी भाषा की अनदेखी कर रहे हैं और वे आंखें मूंद कर यह सब होने दे रहे हैं। 
डीटीएफ नेताओं ने मांग की कि पंजाब के शिक्षण संस्थानों द्वारा की गई ऐसी गलतियों के लिए संबंधित विभागों को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए तथा ऐसी गलती करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए तथा स्वयं के खर्च पर गलती को सुधारा जाना चाहिए।