पूर्व छात्रों का योगदान: पेक को मिली ₹33 लाख की अनुदान राशि, पेक और सीयूजीएल के बीच साइन हुआ एम्ओयू, मैकेनिकल रिसर्च को मिलेगा नया आयाम

चंडीगढ़: 08 अप्रैल, 2025- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने हाल ही में सेंट्रल यू.पी. गैस लिमिटेड (सीयूजीएल), उत्तर प्रदेश के साथ एक महत्वपूर्ण मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग की पहल पेक के ही 1996 बैच के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से ग्रेजुएट — श्री राजविंदर सिंह पनेसर और श्री राजीव कुमार गुप्ता (लेबर कमिश्नर, पंजाब) — द्वारा की गई, जिनके साथ श्री नवीन कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।

चंडीगढ़: 08 अप्रैल, 2025- पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने हाल ही में सेंट्रल यू.पी. गैस लिमिटेड (सीयूजीएल), उत्तर प्रदेश के साथ एक महत्वपूर्ण मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग की पहल पेक के ही 1996 बैच के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से ग्रेजुएट — श्री राजविंदर सिंह पनेसर और श्री राजीव कुमार गुप्ता (लेबर कमिश्नर, पंजाब) — द्वारा की गई, जिनके साथ श्री नवीन कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।
इस एम्ओयू के तहत सीयूजीएल ने संस्थान को ₹33 लाख की उदार सहायता प्रदान की है, जिसके अंतर्गत दो आधुनिक उपकरण — ट्विन स्क्रू एक्सट्रूडर और पिन ऑन डिस्क वियर टेस्टर — खरीदे जाएंगे। इस सहयोग से पेक और सीयूजीएल के बीच एक औपचारिक और सशक्त साझेदारी की नींव रखी गई है।
यह एम्ओयू 04 अप्रैल, 2025 को पेक परिसर में साइन हुआ। इस अवसर पर प्रो. राजेश कुमार भाटिया (निदेशक, पेक), प्रो. राजेश कांडा (हेड - एलुमनाई, कॉर्पोरेट एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स), प्रो. संजीव कुमार (हेड - मैकेनिकल विभाग), प्रो. सरबजीत सिंह, डॉ. नितिन दीक्षित, और डॉ. विवेकशील राजपूत उपस्थित रहे।
यह आर्थिक सहयोग पेक में नेचुरल फाइबर्स और कृषि अपशिष्ट (एग्रीकल्चरल वेस्ट) से विभिन्न पैलेट मिश्रणों के विकास को प्रोत्साहित करेगा। सीयूजीएल इन उपकरणों की खरीद में उच्चतम गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करेगा। यह एम्ओयू हस्ताक्षर की तिथि यानि डेट ऑफ़ साइनिंग से ही प्रभावी हो गया है और उपकरणों की खरीद पूरी होने तक लागू रहेगा।
इस अवसर पर प्रो. राजेश कुमार भाटिया ने श्री राजविंदर सिंह पनेसर का दिल से आभार व्यक्त किया और कहा कि, पूर्व छात्रों का इस प्रकार का सहयोग न केवल पेक के शैक्षणिक और तकनीकी परिवेश को सशक्त बनाता है, बल्कि उत्कृष्टता की दिशा में भी हमारे सफर को नई गति भी देता है।
वहीं, श्री राजविंदर सिंह पनेसर ने इस सहयोग को अपने जीवन के एक विशेष भावनात्मक क्षण के रूप में व्यक्त करते हुए कहा, यह योगदान मेरे प्रिय संस्थान पेक के प्रति आभार प्रकट करने का एक छोटा सा प्रयास है। हम भविष्य में भी ऐसे सहयोग जारी रखेंगे, जो विद्यार्थियों के कल्याण और शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ावा दें।
यह एम्ओयून सिर्फ पेक और उसके पूर्व छात्रों के बीच की मजबूत कड़ी को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि जब इरादे नेक हों और प्रयास सामूहिक, तो नए अवसरों के द्वार अपने आप खुलने लगते हैं — और पेक की प्रतिभा व इनोवेशन की परंपरा आगे बढ़ती रहती है।