खटकर कलां में भाकपा माले द्वारा राजनीतिक सम्मेलन आयोजित

नवांशहर - आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) न्यू डेमोक्रेसी ने खटकड़ कलां में राजनीतिक सम्मेलन आयोजित कर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद आयोजित राजनीतिक कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी की पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेता कामरेड दर्शन सिंह खटकड़, कुलविंदर सिंह वड़ैच और दलजीत सिंह एडवोकेट ने कहा कि केंद्र की आरएसएस-भाजपा सरकार फासीवादी और हिंदुत्ववादी एजेंडे को लागू कर रही है।

नवांशहर - आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) न्यू डेमोक्रेसी ने खटकड़ कलां में राजनीतिक सम्मेलन आयोजित कर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद आयोजित राजनीतिक कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी की पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेता कामरेड दर्शन सिंह खटकड़, कुलविंदर सिंह वड़ैच और दलजीत सिंह एडवोकेट ने कहा कि केंद्र की आरएसएस-भाजपा सरकार फासीवादी और हिंदुत्ववादी एजेंडे को लागू कर रही है।
इसके लिए वह लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों को कुचल रही है। यह सरकार देशी-विदेशी कॉरपोरेट घरानों के हितों की पूर्ति करने वाली जनविरोधी नीतियों को तेजी से लागू कर रही है। नेताओं ने कहा कि कॉरपोरेट घरानों के लिए देश के जंगलों और पहाड़ों में छिपे खजाने को लूटने के लिए आदिवासियों को बड़े पैमाने पर विस्थापित किया जा रहा है।
 सेना और पुलिस द्वारा आदिवासियों को माओवादी बताकर बड़े पैमाने पर उनकी हत्या की जा रही है। जो कोई भी आदिवासियों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे 'शहरी नक्सली' करार दिया जाता है और झूठे आरोपों में जेल में डाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि लोकप्रिय आंदोलनों के सामने बड़ी, दमनकारी सरकारें रेत की दीवार की तरह बन जाती हैं, जो एक प्रकार की तानाशाही है।
भारतीय जनता की मेहनत और देश की सम्पत्तियों का शोषण करने वाली देशी-विदेशी कम्पनियां भारतीय जनता की लहरों के सामने टिक नहीं सकतीं, भले ही मोदी सरकार उनकी जिंदगी लंबी करने के लिए देशवासियों को गुमराह कर रही हो। मोदी सरकार ने 2025-26 के 57 लाख करोड़ रुपए के बजट में कृषि के लिए सिर्फ 1.27 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जबकि देश की 67 फीसदी आबादी इसी व्यवसाय से जुड़ी है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमेरिकी सरकार ने भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर राजा सांसी (अमृतसर) हवाई अड्डे पर उतारा और मोदी सरकार हिली तक नहीं, उससे यह पूरी तरह स्पष्ट है कि मोदी सरकार में रीढ़ की हड्डी नहीं है। शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद-साम्राज्यवाद मुर्दाबाद का नारा लगाया था, लेकिन मोदी सरकार साम्राज्यवादियों की कठपुतली बनी हुई है। नेताओं ने कहा कि सभी शासक वर्गीय पार्टियां सत्ता हथियाने के लिए शहीद भगत सिंह के नाम का इस्तेमाल करती हैं, जबकि उनका शहीद भगत सिंह की विचारधारा से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार भी भाजपा के नक्शे कदम पर चलते हुए तानाशाही पर उतर आई है।
चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ बातचीत से लौट रहे किसान नेतृत्व को गिरफ्तार करके तथा शंभू व खनौरी बॉर्डर पर किसान मोर्चों पर बुलडोजर चलाकर मान सरकार ने साबित कर दिया है कि वह किसान विरोधी तथा कॉरपोरेट समर्थक फासीवादी सरकार है। उत्तर प्रदेश की जोगी सरकार की तरह वह भी मकानों पर बुलडोजर चलाकर आतंक फैला रही है, जबकि नशे के कारोबार में लिप्त बड़े मगरमच्छों को छू नहीं रही है। निजीकरण का भूत मान सरकार को सता रहा है। इसके क्लीनिक एक निजी कंपनी द्वारा चलाए जा रहे हैं, जिससे शिक्षा का निजीकरण हो रहा है।
पार्टी नेता अवतार सिंह तारी व कमलजीत सनावा ने कहा कि देश के नेताओं के चेहरे बदलने से देश की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। इसके लिए एक नई, समतावादी, समाजवादी राजनीतिक-आर्थिक संरचना के निर्माण हेतु क्रांति करनी होगी। शहीद भगत सिंह की सोच के अनुसार भारत में साम्राज्यवादी हस्तक्षेप को पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए।
सरकारों की नीतियों में उनकी सोच कहीं नजर नहीं आती। नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार फासीवादी और देशी-विदेशी कॉरपोरेट परस्त सरकार है जो एक के बाद एक सरकारी संस्थानों को बेच रही है। मोदी सरकार और पंजाब की आप सरकार शहीदों के सपनों को चकनाचूर करने का काम कर रही है। वे मजदूरों, किसानों और कर्मचारियों के संघर्षों को जबरदस्ती दबाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस अवसर पर आजाद कला मंच फगवाड़ा द्वारा बीबा कुलवंत के निर्देशन में नाटक एवं कोरियोग्राफी प्रस्तुत की गई। गायक हरदेव चहल, यमला और अलीशा काठगढ़ ने क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किए। अंत में, सम्मेलन ने मान सरकार द्वारा किसानों की गिरफ्तारी की निंदा की और सभी किसानों की बिना शर्त रिहाई, माओवादियों के नाम पर आदिवासियों की हत्या और विस्थापन पर रोक, मान सरकार द्वारा गैंगस्टरों के खिलाफ फर्जी पुलिस मुठभेड़ों पर रोक, और बुलडोजरों द्वारा घरों को गिराने पर रोक लगाने की मांग की।