नशा मनुष्य के लिए भोजन नहीं है - चमन सिंह।

नवांशहर- नवांशहर के रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों के पुनर्वास केंद्र द्वारा गांव जाडली में "नशा मुक्त भारत अभियान" के तहत नशा मुक्ति जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता श्रीमती सतवंत कौर (सरपंच) ने की। स. चमन सिंह (परियोजना निदेशक) ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए रेड क्रॉस की स्थापना के बारे में जानकारी दी।

नवांशहर- नवांशहर के रेड क्रॉस एकीकृत नशा पीड़ितों के पुनर्वास केंद्र द्वारा गांव जाडली में "नशा मुक्त भारत अभियान" के तहत नशा मुक्ति जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता श्रीमती सतवंत कौर (सरपंच) ने की। स. चमन सिंह (परियोजना निदेशक) ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए रेड क्रॉस की स्थापना के बारे में जानकारी दी। 
उन्होंने कहा कि किशोरावस्था व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यह वह समय होता है जब कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन होते हैं। बढ़ते तनाव और साथियों के दबाव ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि लगातार नशीली दवाओं का सेवन करने वाले युवाओं को अक्सर विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें शैक्षणिक कठिनाइयां, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं (मानसिक स्वास्थ्य सहित), साथियों के साथ खराब संबंध आदि शामिल हैं। 
उन्होंने कहा कि हम खुद बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि हम घर के बने खाने के बजाय बाजार का खाना पसंद करते हैं। आज के समय में लोग एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल करने लगे हैं। खुद को शक्तिशाली बनाने के लिए लोग तरह-तरह के नशीले पदार्थों का इस्तेमाल कर रहे हैं जैसे; तंबाकू, हेरोइन, अफीम, गांजा, शराब और मेडिकल ड्रग्स, जिसके कारण युवा नशे की लत में फंस रहे हैं। 
नशा व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार बनाता है, फिर व्यक्ति के लिए नशा छोड़ना मुश्किल हो जाता है। नशे के कारण शारीरिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है और पंजाब सहित भारत आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। नशे के सेवन के कारण व्यक्ति अपने रिश्तों को भूल जाता है। 
जिसके कारण समाज में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो रही हैं। काला पीलिया, एचआईवी के मामले बढ़ रहे हैं। नशे को रोकने के लिए हमें अपने घर से ही शुरुआत करनी होगी। परिवार के साथ-साथ अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना जरूरी है। महान लोगों के जीवन के बारे में जानना जरूरी है। सभी के सहयोग से ही भारत नशा मुक्त हो सकता है और नशे के खिलाफ जंग सफल हो सकती है। 
श्रीमती कमलजीत कौर (काउंसलर) ने रेड क्रॉस इंटीग्रेटेड रिहैबिलिटेशन सेंटर फॉर ड्रग विक्टिम्स, नवांशहर में मरीजों के इलाज के बारे में भी विस्तृत जानकारी साझा की, उन्होंने कहा कि कोई भी नशा करने वाला व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार एक महीने तक अस्पताल में रह सकता है और मुफ्त इलाज पा सकता है। 
चूंकि घर में रहकर नशे की लत को नहीं छोड़ा जा सकता, इसलिए नशे की लत को छोड़ने के लिए मनोचिकित्सकों और नशा मुक्ति केंद्रों तक पहुंचना जरूरी है। इस अवसर पर शुगर मिल नवांशहर के डायरेक्टर श्री हरिपाल सिंह ने ग्रामीणों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में संबोधित किया। उन्होंने रेडक्रॉस टीम का धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि भविष्य में भी नशा विरोधी जागरूकता शिविरों का आयोजन जारी रहेगा। 
इस अवसर पर प्रवेश कुमार (पीयर एजुकेटर), नवरूप सिंह (पंच), करण (पंच), दविंदर कौर (नरेगा मेट), मनदीप कौर (पंच), सरबजीत राम (पंच), हरपाल कौर (आंगनवाड़ी वर्कर), मनजीत कौर (आंगनवाड़ी वर्कर), कातन रानी (आंगनवाड़ी हेल्पर), मेशु कुमार (पंच), अंजलि, राजवीर, तरसेम सिंह और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।