
"अंतरिक्ष अन्वेषण ही भविष्य है" – अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार जितेंद्र सिंह, पेक ने मनाया सुनीता विलियम्स की गौरवशाली वापसी का जश्न
चंडीगढ़, 20 मार्च 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर सफल वापसी के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर "कमर्शियल ट्रेनिंग, सर्वाइवल ट्रेनिंग और डीप स्पेस मिशन का अवलोकन" विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसे श्री जितेंद्र सिंह (प्रसिद्ध फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर और कमर्शियल एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट - इंडिया 2025) ने 20 मार्च 2025 को प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में वे मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रो. राकेश कुमार (हेड, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग), इंजीनियर मनीष गुप्ता, डॉ. दीपक लेखी, डॉ. टी. के. जिंदल और संस्थान के छात्रों ने भाग लिया।
चंडीगढ़, 20 मार्च 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर सफल वापसी के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर "कमर्शियल ट्रेनिंग, सर्वाइवल ट्रेनिंग और डीप स्पेस मिशन का अवलोकन" विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसे श्री जितेंद्र सिंह (प्रसिद्ध फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर और कमर्शियल एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट - इंडिया 2025) ने 20 मार्च 2025 को प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में वे मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रो. राकेश कुमार (हेड, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग), इंजीनियर मनीष गुप्ता, डॉ. दीपक लेखी, डॉ. टी. के. जिंदल और संस्थान के छात्रों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो. राकेश कुमार ने श्री जितेंद्र सिंह का पेक के प्रांगण में हार्दिक स्वागत किया। इसके बाद श्री जितेंद्र सिंह ने अपनी व्यक्तिगत कहानियों और प्रोफेशनल अनुभवों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। एक कमर्शियल एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट के रूप में, उन्होंने अंतरिक्ष प्रशिक्षण की बारीकियों को साझा किया और विभिन्न विमानों के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने नासा और इसरो द्वारा उपयोग किए जाने वाले रोवर्स, कैप्सूल और स्पेस शटल्स के बारे में भी विस्तार से बताया।
सर्वाइवल ट्रेनिंग पर चर्चा करते हुए उन्होंने यह समझाया कि कैसे अंतरिक्ष यात्रियों को कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना आवश्यक है। उन्होंने टीम वर्क के महत्व पर जोर दिया और मेंटल विस्कोसिटी (एक स्थिति जब दिमाग काम करना बंद कर देता है) की अवधारणा को भी समझाया। उनकी चर्चा के दौरान एनालॉग मिशन और डीप स्पेस मिशन से जुड़े रोमांचक चित्र और जानकारियां साझा की गईं, जिसने श्रोताओं को बेहद प्रभावित किया।
उन्होंने अपनी पेक से डीआरडीओ और फिर एक फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर बनने तक की यात्रा को भी साझा किया। खास बात यह रही, कि वे स्पेसफ्लाइट इंस्टिट्यूट के पहले बैच में भारत के पहले उम्मीदवार हैं। उन्होंने छह सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय टीम के साथ फेज-1 के ट्रैक-1 प्रशिक्षण को पूरा किया, जिसमें साइकोलॉजी, आइसोलेशन, संचार, अंतरिक्ष अन्वेषण और गहन सर्वाइवल ट्रेनिंग जैसे विषय शामिल थे।
कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण यह था कि ईएसए/नासा के प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री जीन-फ्रांस्वा क्लेर्वॉय, क्लेरवॉय जो हमारी प्रिय कल्पना चावला के प्रशिक्षक और मार्गदर्शक भी रहे हैं, और अभी इत्तेफ़ाक़ से वह श्री जितेंद्र सिंह को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से पेक के लिए एक वीडियो संदेश भेजा, जिसे उन्होंने पोलर सर्किल पर एक बोट पर रिकॉर्ड किया, जो इस आयोजन के लिए एक बेहद भावुक और प्रेरणादायक पल बन गया।
इस सत्र की सबसे दिलचस्प बात यह थी, कि इसे महज कुछ घंटों के अंदर आयोजित किया गया, और श्री जितेंद्र सिंह ने तुरंत चंडीगढ़ के लिए यात्रा कर पेक में उपस्थित होकर इसे विशेष बना दिया। यह पेक के मजबूत पूर्व छात्र/एलुमनाई नेटवर्क को भी दर्शाता है, जिसमें उनके सहपाठी पिकोसा के अध्यक्ष, इंजीनियर मनीष गुप्ता इस सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने प्रो. राकेश कुमार को धन्यवाद दिया, जिन्होंने पूर्व छात्रों की भागीदारी को बढ़ावा देकर देश में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की क्षमता को विकसित करने की दिशा में कार्य किया।
अपने संबोधन के दौरान, श्री जितेंद्र सिंह ने पेक के निदेशक प्रो. राजेश कुमार भाटिया के प्रति भी अपना आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके नेतृत्व में पेक आगे बढ़ रहा है और उनके एल्मा मेटर ने अब तक के दूसरे अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार का स्वागत किया है। उन्होंने पेक का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह संस्थान न केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि एक संपूर्ण व्यक्तित्व विकसित करने में भी सहायक है, जिसने मुझे इस असाधारण यात्रा पर जाने के लिए तैयार किया।" उन्होंने गर्व से यह भी साझा किया कि उनके पुत्र भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट हैं और एनडीए से स्नातक हैं।
उनके प्रेरणादायक व्याख्यान ने श्रोताओं को डीप स्पेस मिशन, कमर्शियल और सर्वाइवल ट्रेनिंग की गहरी समझ दी। छात्रों ने जिज्ञासा से भरे ढेरों प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर उन्होंने धैर्यपूर्वक और विस्तार से दिया।
सत्र के अंत में, श्री जितेंद्र सिंह को प्रो. राकेश कुमार, इंजीनियर मनीष गुप्ता, उनके शिक्षक डॉ. सुरिंदर कुमार जरियाल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया। उन्हें एक स्मृति चिह्न भी भेंट किया गया, जो उनके महत्वपूर्ण योगदान और प्रेरणादायक व्याख्यान के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक था।
यह आयोजन पूर्ण रूप से सफल रहा और इसमें भाग लेने वाले छात्रों को एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रति और अधिक प्रेरित एवं उत्साहित कर गया। कार्यक्रम का समापन डॉ. दीपक लेखी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।
