
वेटरनरी विश्वविद्यालय 21 और 22 मार्च को 'पशुपालन मेला' आयोजित करेगी
लुधियाना 15 मार्च 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी , लुधियाना 21 और 22 मार्च, 2025 को दो दिवसीय ‘पशु पालन मेला’आयोजित करेगी। डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने कहा कि हम मेले के लिए अन्य राज्यों के किसानों को भी आमंत्रित करते हैं। मेले में जहां पशुपालन एवं कृषि से संबंधित विभिन्न विभाग भाग लेंगे, वहीं बड़ी संख्या में कंपनियां अपनी दवाएं, उपकरण, मशीनरी एवं पशु संबंधी सुविधाओं का प्रदर्शन करते हुए स्टॉल लगाएंगी। विश्वविद्यालय के नेतृत्व में काम कर रहे किसान संगठन भी अपने स्टॉल लगाएंगे।
लुधियाना 15 मार्च 2025- गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी , लुधियाना 21 और 22 मार्च, 2025 को दो दिवसीय ‘पशु पालन मेला’आयोजित करेगी। डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने कहा कि हम मेले के लिए अन्य राज्यों के किसानों को भी आमंत्रित करते हैं। मेले में जहां पशुपालन एवं कृषि से संबंधित विभिन्न विभाग भाग लेंगे, वहीं बड़ी संख्या में कंपनियां अपनी दवाएं, उपकरण, मशीनरी एवं पशु संबंधी सुविधाओं का प्रदर्शन करते हुए स्टॉल लगाएंगी। विश्वविद्यालय के नेतृत्व में काम कर रहे किसान संगठन भी अपने स्टॉल लगाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस बार हमने मेले को नस्ल सुधार के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य को समर्पित किया है और नारा रखा है 'नस्ल सुधार पशुपालन पेशे की जान, उत्पादन बढ़ाना किसान की शान'। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक खेती अपनाने और उसे बढ़ावा देने वाले चार किसानों को भैंस, मछली, सुअर और बकरी पालन के क्षेत्र में 'मुख्यमंत्री पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जाएगा।
डॉ. रविन्द्र सिंह ग्रेवाल प्रसार शिक्षा निदेशक ने बताया कि विश्वविद्यालय मेले में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान, डेयरी, पोल्ट्री और मत्स्य पालन से संबंधित तकनीकों का प्रदर्शन करेगी तथा वैज्ञानिक तकनीकी व्याख्यान के लिए मंच पर एकत्रित होंगे। एक प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किया जाएगा। विश्वविद्यालय की सर्वोत्तम नस्ल की गायों, भैंसों, बकरियों और मुर्गियों की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित सम्पूर्ण साहित्य एवं पत्रिका 'वैज्ञानिक पशुपालन' भी उपलब्ध रहेगी।
पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए लोगों को प्रेरित करने के अलावा मेले में दूध व दूध से बने उत्पाद, मशीनरी, दवाइयां, टीके, पशु आहार व अन्य उत्पादों से जुड़ी कंपनियों व वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। मेले में विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित धातु चूरा, बाइपास फैट और भूसे को यूरिया से संसाधित करने पर चर्चा की जाएगी। किसानों को थनों की सूजन, दूध की जांच, पशु विषाक्तता और आंतरिक परजीवियों के बारे में जागरूक किया जाएगा। मेले के दौरान पशुओं के रक्त, गोबर, मूत्र, त्वचा, आहार के नमूने, दूध और चारे की विषाक्तता संबंधी निःशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
विशेषज्ञ पशुपालन व्यवसायों में कृत्रिम ज्ञान के उभरते महत्व पर भी जानकारी देंगे। स्मार्ट कॉलर, पेडोमीटर, फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम, एनिमल मूवमेंट मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑटोमेटिक फीड मैनेजर, रोबोट कैमरा और इस क्षेत्र में आने वाली कई अन्य विधियों और तकनीकों के बारे में बताया जाएगा। खेतों की जैव सुरक्षा और रोग पैदा करने वाले जीवों की पहचान और उनके द्वारा फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी। इस उद्देश्य के लिए उपयोग की जाने वाली विधियों और प्रथाओं के बारे में पशुपालकों को बताया जाएगा।
