
पशु आहार के लिए पुआल का उपयोग किफायती एवं लाभकारी - पशु आहार विशेषज्ञ
लुधियाना 18 अक्टूबर 2024- पराली जलाना एक खतरनाक प्रथा और गंभीर चुनौती बन गई है। पंजाब में धान की फसल से बड़े पैमाने पर पुआल बच जाता है, जिसका उपयोग पशुपालक अपने डेयरी कार्यों को किफायती और लाभदायक बनाने के लिए पशु चारे के रूप में कर सकते हैं। मुख्य रूप से पुआल का उपयोग मवेशियों के नीचे बिछाने या छप्पर बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन यूरिया और शीरा या राब से संशोधित पुआल पशु चारे के लिए बहुत उपयोगी है। यह जानकारी डॉ जसपाल सिंह लांबा, पशु पोषण विशेषज्ञ, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने साझा की।
लुधियाना 18 अक्टूबर 2024- पराली जलाना एक खतरनाक प्रथा और गंभीर चुनौती बन गई है। पंजाब में धान की फसल से बड़े पैमाने पर पुआल बच जाता है, जिसका उपयोग पशुपालक अपने डेयरी कार्यों को किफायती और लाभदायक बनाने के लिए पशु चारे के रूप में कर सकते हैं। मुख्य रूप से पुआल का उपयोग मवेशियों के नीचे बिछाने या छप्पर बनाने के लिए किया जाता है, लेकिन यूरिया और शीरा या राब से संशोधित पुआल पशु चारे के लिए बहुत उपयोगी है। यह जानकारी डॉ जसपाल सिंह लांबा, पशु पोषण विशेषज्ञ, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने साझा की।
उन्होंने कहा कि पशुपालक 30 लीटर पानी में एक किलो यूरिया और तीन किलो शीरा मिलाकर घोल तैयार कर सकते हैं। इस घोल को एक क्विंटल पुआल पर छिड़क कर धीरे-धीरे हिलाना चाहिए या टोटल मिक्स राशन मशीन में डालकर घुमाना चाहिए ताकि सारा पुआल गीला हो जाए। इसके बाद यह 15 मिनट में पशु को खिलाने के लिए तैयार हो जाता है। डेयरी पशुओं के लिए हरे चारे के उपयोग के साथ प्रति पशु 2 किलो संशोधित पुआल में 25 ग्राम नमक और 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर मिलाकर खिलाना चाहिए। दूध छुड़ाए हुए मवेशियों को संशोधित पुआल 4-5 किलोग्राम नमक और मिनरल मिक्सचर मिला कर हरे चारे के साथ दिया जा सकता है।
डॉ लांबा ने कहा कि इस प्रकार संशोधित पुआल में प्रोटीन बढ़ने से उसके पोषक गुण बढ़ जाते हैं। संशोधित पुआल नरम और अधिक सुपाच्य हो जाता है। पुआल, भूसे से सस्ता है. यह युवा पशुओं के विकास में मदद करता है और डेयरी पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाता है। पराली जलाने से बचकर हम पर्यावरण को भी स्वस्थ एवं स्वच्छ रख सकते हैं।
डॉ लांबा ने कुछ सावधानियां बरतने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 6 माह से कम उम्र के मवेशियों/बछड़ों को संशोधित पुआल नहीं खिलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि पशु के किसी अन्य खाद्य तत्व में यूरिया की मात्रा अधिक न हो। यदि ऐसे पुआल में फफूंद लग जाए तो उसे पशु को नहीं खिलाना चाहिए। घोड़ों और सूअरों को ऐसा संशोधित पुआल नहीं खिलाया जा सकता।
