'भ्रष्ट अफसरों के आगे नहीं झुकेंगे हम...', रजिस्ट्रियों का काम शुरू करवाने के लिए CM मान का तूफानी दौरा

एसएएस नगर (मोहाली): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रदर्शनकारी तहसीलदारों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए आज स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार रिश्वतखोरी के आरोप में पुलिस कार्रवाई का सामना कर रहे भ्रष्ट अधिकारियों के आगे नहीं झुकेगी। मुख्यमंत्री ने आज पंजीकरण कार्य शुरू करवाने के लिए खरड़, बनूड़ और जीरकपुर तहसील कार्यालयों का दौरा किया।

एसएएस नगर (मोहाली): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रदर्शनकारी तहसीलदारों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए आज स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार रिश्वतखोरी के आरोप में पुलिस कार्रवाई का सामना कर रहे भ्रष्ट अधिकारियों के आगे नहीं झुकेगी। मुख्यमंत्री ने आज पंजीकरण कार्य शुरू करवाने के लिए खरड़, बनूड़ और जीरकपुर तहसील कार्यालयों का दौरा किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सतर्कता कार्रवाई के कारण राजस्व अधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। उन्होंने कहा, "आप सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है, लेकिन यह दुखद है कि सामूहिक अवकाश पर गए ये अधिकारी भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस मांग रहे हैं।" "हम सरकार को दबाव में लेने की ऐसी गंदी चालों के आगे नहीं झुकेंगे और इन भ्रष्ट और अहंकारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए राजस्व अधिकारियों द्वारा इस तरह की चालें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में नए तहसीलदारों और राजस्व अधिकारियों की भर्ती करेगी, जिसके लिए कैबिनेट में एजेंडा लाया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने साफ कहा, "ये अधिकारी हर दिन आम लोगों को परेशान करते हैं लेकिन अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और सरकार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिक अवकाश पर गए इन अधिकारियों को एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अब जनता ही तय करेगी कि अवकाश के बाद वे कब और कहां ज्वाइन करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास इस तरह की चालों से निपटने के लिए प्लान-बी तैयार है और यदि आवश्यक हुआ तो सरकार अध्यापकों व प्रोफेसरों को तहसीलदार की शक्तियां देने में संकोच नहीं करेगी ताकि रजिस्ट्री का कार्य निर्बाध रूप से जारी रह सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार हर कीमत पर आम लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी को भी हमारी गरिमा को कमजोरी समझने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व अधिकारियों के सामूहिक अवकाश से आम जनता को होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए पीसीएस की स्थापना की गई है। अधिकारियों, कानूनगो और वरिष्ठ सहायकों (जिन्होंने नायब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति के लिए सभी विभागीय परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं) को तहसीलों का कार्य जारी रखने के लिए उप-रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता जनता के पास होती है और उनकी सरकार किसी को भी, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, जनता के लिए समस्याएं पैदा करने की इजाजत नहीं देगी। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तहसीलों में काम नहीं रुकेगा और जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री का काम निर्बाध जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अधिकारी राज्य सरकार से मोटी तनख्वाह ले रहे हैं, लेकिन जनता को सेवाएं नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता क्योंकि लोकतंत्र में जनता सर्वोच्च है और अधिकारी उनके प्रति जवाबदेह हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यदि ये अधिकारी सामूहिक अवकाश पर जाना चाहते हैं और काम नहीं करना चाहते हैं तो राज्य सरकार के पास पहले से ही बहुत से बेरोजगार युवा हैं जो उनकी जगह काम करने के लिए इंतजार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 10 दिनों तक वे राज्य भर में विभिन्न तहसीलों का दौरा कर कामकाज को सुचारू बनाएंगे। उन्होंने कहा कि तहसीलदार अपनी भ्रष्ट कार्यप्रणाली से पीढ़ियों से लोगों को परेशान करते आ रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पूरी तरह से अनुचित और अनुचित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन अधिकारियों को मनमानी करने की इजाजत नहीं देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न किसान यूनियनों के बीच 'क्रेडिट वॉर' चल रहा है, जो समानांतर सरकार चलाकर अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए हमेशा तैयार है। हालांकि, भगवंत सिंह मान ने कहा कि रेल या सड़क जाम कर आम लोगों को परेशानी में डालने से बचना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से आम लोग संकट में पड़ जाते हैं और वे आंदोलनकारियों के खिलाफ हो जाते हैं, जिससे समाज में विभाजन पैदा होता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि दुर्भाग्य से ऐसे विरोध प्रदर्शनों के कारण आम लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है जो पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने कहा कि हालांकि विरोध प्रदर्शन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें यह भी विचार करना चाहिए कि उनकी इस कार्रवाई से राज्य को बहुत नुकसान हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे के उन्मूलन के लिए मजबूत रणनीति तैयार की है। उन्होंने कहा कि ड्रग सप्लाई लाइन को तोड़ दिया गया है और बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस बुराई के खिलाफ जंग जारी है और इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने लुधियाना जिले के नारंगवाल गांव का उदाहरण दिया जहां पिछले सप्ताह एक ड्रग तस्कर की अवैध संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा तस्करों की संपत्तियां जब्त/नष्ट की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नशे के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई है तथा इस बुराई को समाप्त करने के लिए निर्णायक लड़ाई शुरू की गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग को जनांदोलन में तब्दील किया जा रहा है ताकि पंजाब को पूरी तरह नशा मुक्त बनाया जा सके।