
बच्चों में टीबी की जांच एवं उपचार हेतु एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
4 मार्च होशियारपुर- सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार के निर्देशानुसार सीएचसी हरटा बडला में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनप्रीत सिंह बैंस के नेतृत्व में वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स (डब्ल्यूएचपी) के सहयोग से टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत बच्चों की टीबी जांच और उपचार के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें एलएचवी एएनएम, एमपीएचडब्ल्यू (पुरुष) और सीएचओ ने भाग लिया।
4 मार्च होशियारपुर- सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार के निर्देशानुसार सीएचसी हरटा बडला में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनप्रीत सिंह बैंस के नेतृत्व में वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर्स (डब्ल्यूएचपी) के सहयोग से टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत बच्चों की टीबी जांच और उपचार के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें एलएचवी एएनएम, एमपीएचडब्ल्यू (पुरुष) और सीएचओ ने भाग लिया।
इस अवसर पर उपस्थित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कुलवंत राय ने कहा कि टीबी सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है। यह विशेष रूप से बच्चों के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि अक्सर इसका पता नहीं चल पाता या बहुत देर से पता चलता है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों में बाल चिकित्सा टीबी के निदान, उपचार और प्रबंधन में स्वास्थ्य पेशेवरों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाना है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को बाल चिकित्सा टीबी दिशा-निर्देशों के अनुसार 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों में गैस्ट्रिक एस्पिरेट (जीए), गैस्ट्रिक लैवेज (जीएल) और इंस्पिरेटरी स्पुतम (आईएस) प्रक्रियाओं को करने के तरीके के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर सीनियर मेडिकल अधिकारी डॉ. मनप्रीत सिंह बैंस ने जिले में चल रहे “100 दिन टीबी रोको अभियान” का जिक्र करते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोगों की जांच की जानी चाहिए और संदिग्ध रोगियों को जांच कराने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर किसी को टीबी की बीमारी है, तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि टीबी अब लाइलाज नहीं है और इसका इलाज सरकारी अस्पतालों में मुफ्त किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा संदिग्ध रोगियों के टेस्ट और एक्स-रे मुफ्त किए जा रहे हैं।
