
लिव-इन रिलेशनशिप के बढ़ते मामले समाज के लिए चिंताजनक : राज लाली गिल
पटियाला, 28 फरवरी- पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने आज पटियाला में कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप के बढ़ते मामले हमारे समाज के लिए चिंताजनक हैं। महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई और उन्हें न्याय दिलाने के लिए पुलिस लाइन में आयोजित लोक अदालत में बोलते हुए राज लाली गिल ने कहा कि लड़के-लड़कियां और यहां तक कि कई विवाहित पुरुष और महिलाएं भी लिव-इन रिलेशनशिप की इस बुराई की ओर धकेले जा रहे हैं जो हमारे समाज को कीड़े की तरह खा रही है, जिससे बचने की जरूरत है।
पटियाला, 28 फरवरी- पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल ने आज पटियाला में कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप के बढ़ते मामले हमारे समाज के लिए चिंताजनक हैं। महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई और उन्हें न्याय दिलाने के लिए पुलिस लाइन में आयोजित लोक अदालत में बोलते हुए राज लाली गिल ने कहा कि लड़के-लड़कियां और यहां तक कि कई विवाहित पुरुष और महिलाएं भी लिव-इन रिलेशनशिप की इस बुराई की ओर धकेले जा रहे हैं जो हमारे समाज को कीड़े की तरह खा रही है, जिससे बचने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि वे इस मामले में कानून में संशोधन करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिख रहे हैं। उन्होंने इस लोक अदालत के दौरान करीब 35 मामलों की सुनवाई की और पुलिस जांच अधिकारियों को अधिकांश मामलों की दोबारा जांच करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने कुछ नए मामलों की भी सुनवाई की। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य महिला आयोग का मानना है कि किसी भी पीड़ित महिला की पूरी सुनवाई होनी चाहिए तथा उसे समयबद्ध तरीके से तर्कसंगत न्याय प्रदान किया जाना चाहिए।
लोक अदालत के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए राज लाली गिल ने कहा कि महिला आयोग महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने के मामले में बहुत सख्त है, इसलिए किसी भी आम या खास व्यक्ति को महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
आयोग पर राजनीतिक दबाव के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आयोग किसी को भी धकेलने की इजाजत नहीं देता है तथा बिना किसी राजनीतिक या अन्य दबाव के सभी मामलों में मध्यस्थता की भूमिका निभाते हुए पारदर्शी तरीके से पीड़ितों को न्याय दिलाने के लक्ष्य को पूरा कर रहा है।
चेयरपर्सन लाली गिल ने कहा कि मार्च 2024 में उनके कार्यभार संभालने के बाद से अब तक लगभग 2500 मामले सुनवाई के लिए आए हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत का निपटारा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आज विवाह, संपत्ति, एनआरआई विवाह, दहेज, लड़कियों और महिलाओं के शोषण, लिव-इन रिलेशनशिप, घरेलू हिंसा आदि से संबंधित मामले उनके ध्यान में लाए गए।
लोक अदालत में चेयरपर्सन के साथ आयोग के उपनिदेशक निखिल अरोड़ा व पीए मोहन कुमार, एसपी स्थानीय हरबंत कौर, जिला राजस्व अधिकारी नवदीप सिंह, डीएसपी मनोज गोरसी, एसआई गुरजीत कौर, सखी वन स्टॉप इंचार्ज राजमीत कौर भी मौजूद थे।
