दिव्यता और आधुनिकता का संगम- "दिव्य सरोवर"*

होशियारपुर 27 फरवरी- दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में 26 फरवरी को दिव्य सरोवर का ऐतिहासिक उद्घाटन किया गया। इस भव्य नवनिर्मित सरोवर के उद्घाटन के लिए 27 फरवरी से 6 मार्च तक अर्पण उत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस ब्रह्म सरोवर का उद्घाटन गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के 1100 ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा वैदिक मंत्रों के पवित्र उच्चारण के साथ शुभ हुआ।

होशियारपुर 27 फरवरी- दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान में 26 फरवरी को दिव्य सरोवर का ऐतिहासिक उद्घाटन किया गया। इस भव्य नवनिर्मित सरोवर के उद्घाटन के लिए 27 फरवरी से 6 मार्च तक अर्पण उत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस ब्रह्म सरोवर का उद्घाटन गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के 1100 ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा वैदिक मंत्रों के पवित्र उच्चारण के साथ शुभ हुआ।
इस दिव्य सरोवर में पांच नदियों का जल मिलाया गया था, जो इसे और भी भव्य और पवित्र बनाता है। इसके बाद प्रधान कार्यालय से विशेष रूप से आए स्वामी नरेंद्रानंद जी और स्वामी आदित्यानंद जी के नेतृत्व में हवन यज्ञ का अनुष्ठान किया गया। स्वामी आदित्यानंद जी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए दिव्य सरोवर के अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया।
यह दिव्य सरोवर करीब 8 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसमें दिव्यता और आधुनिकता का शानदार संगम देखने को मिलता है। इस सरोवर को दो भागों में विभाजित किया गया है जिसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्नान की व्यवस्था है, जिसकी कुल जल क्षमता 60 लाख लीटर है।
इसके पानी की गुणवत्ता को हमेशा स्वच्छ और शुद्ध बनाए रखने के लिए तीन चरणों वाली निस्पंदन प्रणाली का उपयोग किया गया है। यूवी निस्पंदन, डिस्क निस्पंदन और ओजोनेशन के संयोजन से पानी पूरी तरह से रोगाणु मुक्त, सुरक्षित और पारदर्शी रहता है। जल संरक्षण के उद्देश्य से पूरी निस्पंदन प्रक्रिया के बाद पानी को रिसाइकिल करने की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बागवानी के लिए बचे हुए पानी को अलग से पाइपलाइन के जरिए वितरित किया जाएगा। इसके अलावा इस दिव्य सरोवर के परिसर में वर्षा जल के भंडारण के लिए 6 विशेष टैंक भी बनाए गए हैं।
यह भव्य आयोजन 27 फरवरी से 6 मार्च तक चलेगा। जिसमें प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु अपने आनंद और भक्ति के साथ इस दिव्य कुंड का अनुभव करेंगे और इस कुंड में डुबकी लगाकर इसकी दिव्यता और अलौकिक शांति का आनंद लेंगे।