पंजाब अपनी शिक्षा नीति बनाएगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर रोक लगाएगा

गढ़शंकर 26 फरवरी: डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) पंजाब की राज्य कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह के नेतृत्व में बैठक की। इस अवसर पर गहन विचार-विमर्श के बाद 8 अप्रैल को चंडीगढ़ में शिक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर राज्य सम्मेलन आयोजित करने और पंजाब के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने तथा पंजाब के राज्यपाल को मांगों से संबंधित प्रस्ताव भेजने का फैसला किया गया।

गढ़शंकर 26 फरवरी: डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) पंजाब की राज्य कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह के नेतृत्व में बैठक की। इस अवसर पर गहन विचार-विमर्श के बाद 8 अप्रैल को चंडीगढ़ में शिक्षा संबंधी चिंताओं को लेकर राज्य सम्मेलन आयोजित करने और पंजाब के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने तथा पंजाब के राज्यपाल को मांगों से संबंधित प्रस्ताव भेजने का फैसला किया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए डीटीएफ ने बातचीत करते हुए महासचिव महिंदर कौरवाली, संयुक्त सचिव मुकेश कुमार, जिला अध्यक्ष सुखदेव डांसीवाल, सचिव इंद्रसुखदीप सिंह ओदरा, मनजीत सिंह दसूहा, बलजीत सिंह, मनजीत सिंह बाबा, विपन सान्याल, बलजिंदर सिंह, करनैल सिंह, वरिंदर सिंह, जरनैल सिंह, विनय कुमार ने बताया कि शिक्षा सरोकारों से जुड़ी मांगों में संगठन द्वारा पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा 5 सितंबर 2024 को लिए गए फैसले को लागू किया जाए तथा पंजाब की स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार वैज्ञानिक आधार पर राज्य की अपनी शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया जाए, पंजाब सरकार शिक्षा का निजीकरण, केंद्रीकरण व भगवाकरण बंद करे तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 व राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2023 को लागू किया जाए, शिक्षा को भारतीय संविधान की समवर्ती सूची के बजाय राज्य सूची में सूचीबद्ध करने की मांग पर आधारित प्रस्ताव पंजाब विधानसभा में पारित करके केंद्र सरकार, निदेशक स्कूल शिक्षा (माध्यमिक), निदेशक स्कूल शिक्षा (प्राथमिक) तथा निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान को भेजा जाए। (एससीईआरटी) के पदों को पंजाब शिक्षा कैडर की बजाय पंजाब सिविल सेवा कैडर से पदोन्नति के माध्यम से भरा जाएगा, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन का लंबे समय से खाली पड़ा पद पंजाब के शिक्षाविदों से भरा जाएगा, मिडिल स्कूलों को बंद करने संबंधी शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव की घोषणाएं वापस ली जाएंगी और पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में सभी प्रकार के खाली पदों को पदोन्नति (75%) और (25%) सीधी भर्ती के माध्यम से भरना सुनिश्चित किया जाएगा, संघर्ष की अगली रूपरेखा बनाई जाएगी। 
इसके अलावा अध्यापकों के लंबित मुद्दों जिनमें नरिंदर भंडारी व रविंदर कंबोज के लंबित नियमित आदेश जारी करना, ओडीएल अध्यापकों के शेष नियमितीकरण आदेश जारी करना, 13 हिंदी अध्यापकों के नियमित आदेश जारी करना, पीटीआई व आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापकों के वेतन कटौती पत्र वापस करना, 3582 अध्यापकों को प्रारंभिक ज्वाइनिंग तिथि से वित्तीय लाभ प्रदान करना, विभिन्न भर्तियों की चयन सूचियों के पुनर्निर्धारण व अन्य मुद्दों के कारण अध्यापकों में उत्पन्न हो रही चिंताओं का समाधान करने के लिए निकट भविष्य में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस व आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष व कैबिनेट सब-कमेटी के सदस्य अमन अरोड़ा की अध्यक्षता में कैबिनेट सब-कमेटी गठित की जाएगी।
 बैठक में संगठन ने यह भी घोषणा की कि कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त फ्रंट पंजाब पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन पूर्ण रूप से भाग लेगा तथा कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, पंजाब वेतन आयोग की अधूरी रिपोर्ट जारी करने व लागू करने, वेतन आयोग का बकाया जारी करने, शेष भत्ते जारी करने आदि मांगों को लेकर डेमोक्रेटिक कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले पूर्ण रूप से भाग लेगा।