मातृभाषा को समर्पित 'साहित्य उत्सव' के चौथे दिन हास्य कवि दरबार आयोजित

पटियाला, 21 फरवरी- पंजाबी विश्वविद्यालय में पंजाबी विभाग की साहित सभा द्वारा विश्वविद्यालय के भाषाओं से संबंधित विभागों और भाषा विभाग पंजाब के सहयोग से आयोजित किए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को समर्पित 'पांच दिवसीय साहित्य उत्सव-2025' के चौथे दिन तीन अकादमिक सत्रों में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। चौथे दिन का समापन हास्य कवि दरबार के साथ हुआ। इस अवसर पर उपस्थित भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह जफर ने विभिन्न सत्रों में उपस्थित विद्वानों और कवियों को सम्मानित किया।

पटियाला, 21 फरवरी- पंजाबी विश्वविद्यालय में पंजाबी विभाग की साहित सभा द्वारा विश्वविद्यालय के भाषाओं से संबंधित विभागों और भाषा विभाग पंजाब के सहयोग से आयोजित किए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को समर्पित 'पांच दिवसीय साहित्य उत्सव-2025' के चौथे दिन तीन अकादमिक सत्रों में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। चौथे दिन का समापन हास्य कवि दरबार के साथ हुआ। इस अवसर पर उपस्थित भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह जफर ने विभिन्न सत्रों में उपस्थित विद्वानों और कवियों को सम्मानित किया।
पहली अकादमिक बैठक में 'पुरुषत्व और नारीत्व: मूल की खोज' विषय पर चर्चा की गई जिसमें डॉ. रवेल सिंह और रेणुका सिंह ने संवाद की रचना की। इस संवाद के दौरान महिलाओं की विभिन्न चिंताओं और पुरुषत्व की विभिन्न परतों पर चर्चा की गई। दूसरी मीटिंग के दौरान 'पंजाबी भाषा का भविष्य: संभावनाएँ और चुनौतियाँ' पर चर्चा की गई। इस मीटिंग में हुई चर्चा के दौरान डॉ. जोगा सिंह, डॉ. बूटा सिंह बराड़, डॉ. सरबजीत सिंह और डॉ. सिकंदर सिंह ने हिस्सा लिया। 
डॉ. राजविंदर सिंह ने इन विद्वानों के साथ संवाद स्थापित किया। इस मीटिंग में पंजाबी भाषा की संभावनाओं और चुनौतियों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। हास्य कवि दरबार में वरिंदर जेतवानी लुधियाना, बजिंदर ठाकुर, अमृतपाल कॉफी, सतीश धवन, चरण पुढ़ी, सतीश विद्रोही, पंडित सोमनाथ रोडे, जगसीर जीदा, साधु राम लंगेआना, कंवलजीत भोल, दविंदर गिल, अश्वनी कुमार गुप्ता आदि ने हिस्सा लिया।