
वेटरनरी विश्वविद्यालय ने उद्यमिता एवं कौशल विकास पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया
लुधियाना 20 फरवरी 2025- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की एक परियोजना के तहत गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग द्वारा कौशल विकास पर शुरू किया गया एक सप्ताह का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूर्ण हो गया है। इसका विषय था 'किसानों की आय बढ़ाने के लिए डेयरी फार्मिंग में उद्यमिता और कौशल विकास प्रशिक्षण, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और विपणन'। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
लुधियाना 20 फरवरी 2025- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की एक परियोजना के तहत गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना के पशुधन उत्पादन प्रबंधन विभाग द्वारा कौशल विकास पर शुरू किया गया एक सप्ताह का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूर्ण हो गया है। इसका विषय था 'किसानों की आय बढ़ाने के लिए डेयरी फार्मिंग में उद्यमिता और कौशल विकास प्रशिक्षण, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और विपणन'। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण रोजगार बढ़ाने में बहुत सहायक होते हैं तथा किसानों के किताबी और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
समापन समारोह में डॉ. अनिल कुमार अरोड़ा, निदेशक अनुसंधान, डॉ. संजीव कुमार उप्पल, डीन पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज और डॉ. स्वर्ण सिंह रंधावा, डीन, कालेज आफ वेटरनरी साइंस ने समारोह की अध्यक्षता की।
डॉ अरोड़ा ने कहा कि डेयरी क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था में बड़ी हिस्सेदारी रखता है और नए रोजगार और उद्यमी सृजित करके हम ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिक प्रगति को और बढ़ा सकते हैं। डॉ उप्पल ने स्वच्छ दूध के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डेयरी प्रसंस्करण के क्षेत्र में स्टार्ट-अप स्थापित करने पर जोर दिया।
डॉ रंधावा ने कहा कि हम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के माध्यम से डेयरी क्षेत्र तथा गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के क्षेत्र को और मजबूत कर सकते हैं। डॉ रविन्द्र सिंह ग्रेवाल, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से ज्ञान और कौशल विकसित करके हम वैज्ञानिक डेयरी फार्मिंग को और अधिक बढ़ावा दे सकेंगे।
डॉ यशपाल सिंह, पाठ्यक्रम निदेशक ने बताया कि इस प्रशिक्षण में पशु चिकित्सा, डेयरी, उद्योग विशेषज्ञों और वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने व्याख्यान और व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से ज्ञान साझा किया। प्रतिभागियों को डेयरी संयंत्रों और डेयरी आधारित कंपनियों का भी दौरा कराया गया। डॉ सुरेश कुमार, डा. कुलविंदर सिंह और डॉ. नितिन मेहता ने इस प्रशिक्षण के समन्वयक के रूप में जिम्मेदारी निभाई।
