
स्वास्थ्य विभाग ने कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता के लिए एसडी कॉलेज में नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया
13 फरवरी होशियारपुर- सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार शगोत्रा के निर्देशानुसार तथा कुष्ठ कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ. रोबिन साहनी के कुशल नेतृत्व में आज एसडी कॉलेज होशियारपुर में श्री अशोक पुरी के 'बहू रंग कला मंच' के कलाकारों द्वारा कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया।
13 फरवरी होशियारपुर- सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. पवन कुमार शगोत्रा के निर्देशानुसार तथा कुष्ठ कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ. रोबिन साहनी के कुशल नेतृत्व में आज एसडी कॉलेज होशियारपुर में श्री अशोक पुरी के 'बहू रंग कला मंच' के कलाकारों द्वारा कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी साझा करते हुए डॉ. रोबिन ने कहा कि कुष्ठ रोग पिछले जन्मों के पापों का परिणाम नहीं है, बल्कि एक ऐसी बीमारी है जिसका पूरी तरह से इलाज संभव है। कुष्ठ रोग माइक्रोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु द्वारा फैलता है। यह एक संक्रामक रोग है जो खांसने या छींकने के माध्यम से बूंदों के संक्रमण के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और किसी भी उम्र में हो सकता है। हमें कुष्ठ रोग से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए, बल्कि उसकी हर तरह से मदद करनी चाहिए।
उन्होंने कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि त्वचा पर हल्के पीले तांबे के रंग के या लाल रंग के सुन्न निशान कुष्ठ रोग की निशानी हैं। सुन्नपन त्वचा के नीचे की नसों के खराब होने से होता है। इस रोग के कारण नसें मोटी और सख्त हो जाती हैं। कुष्ठ रोग से प्रभावित भाग पर मरीज को न तो गर्मी लगती है और न ही ठंड। मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं जिससे शरीर के अंग मुड़ जाते हैं और सुन्न होने के कारण कई बार चोट लगने से ये अंग शरीर से अलग हो जाते हैं।
लेकिन इस रोग का इलाज संभव है और सरकारी अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त किया जाता है। मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट यानि एमडीटी कुष्ठ रोग का 100 प्रतिशत इलाज है। डिप्टी मास मीडिया अधिकारी डॉ. तृप्ता देवी ने बताया कि धब्बों की संख्या के आधार पर कुष्ठ रोग को निम्न श्रेणी या उच्च श्रेणी के कुष्ठ में बांटा गया है।
उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग का बड़ा नुकसान शरीर की विकृति या विकलांगता है। विकलांगता से बचने के लिए शरीर पर तेल और पानी से मालिश करने से त्वचा रूखी नहीं होती। हाथ-पैरों को आधे घंटे तक पानी में डुबोकर रखना चाहिए। कमजोर हिस्सों के लिए बताए गए सहायक व्यायाम रोजाना करने चाहिए।
अगर किसी मरीज को अपनी त्वचा पर ऐसा कोई निशान दिखे जो सुन्न हो और ठीक न हो रहा हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करानी चाहिए।
