
पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री के नाम चब्बेवाल विधायक डॉ. इशांक कुमार को ज्ञापन सौंपा*
होशियारपुर- पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा द्वारा आहूत रोष प्रदर्शन के बाद चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. इशांक कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। संयुक्त मोर्चा के नेताओं सतीश राणा, कुलवरन सिंह, ओंकार सिंह, प्रवेश कुमार, हरभजन सिंह अजनोहा, रशपाल सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने बार-बार बैठकों के लिए समय देकर संयुक्त मोर्चा को रद्द कर दिया है तथा मांगों के संबंध में सरकार द्वारा किए गए वायदे पूरे नहीं किए गए हैं।
होशियारपुर- पंजाब कर्मचारी एवं पेंशनर्स संयुक्त मोर्चा द्वारा आहूत रोष प्रदर्शन के बाद चब्बेवाल विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. इशांक कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। संयुक्त मोर्चा के नेताओं सतीश राणा, कुलवरन सिंह, ओंकार सिंह, प्रवेश कुमार, हरभजन सिंह अजनोहा, रशपाल सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने बार-बार बैठकों के लिए समय देकर संयुक्त मोर्चा को रद्द कर दिया है तथा मांगों के संबंध में सरकार द्वारा किए गए वायदे पूरे नहीं किए गए हैं।
नेताओं ने विधायक से कर्मचारियों की मांगों की आवाज विधानसभा सत्र में उठाने को कहा तथा विधायक ने भी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स की मांगों को विधानसभा में तथा मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने का वायदा किया।
मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में मांग की गई कि छठे वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार पेंशन में 2.59 प्रतिशत की वृद्धि की जाए, 1-1-2004 से भर्ती हुए सभी सरकारी, अर्धसरकारी, बोर्ड, निगम, स्थानीय निकाय व सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों पर पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए, विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों, सोसायटियों, केंद्रीय योजनाओं व स्थानीय निकायों में कार्यरत सभी अनुबंध आधारित डिलीवरी, आउटसोर्स व भर्ती कर्मचारियों को स्थायी किया जाए, पुनर्गठन के नाम पर विभिन्न विभागों में समाप्त किए गए हजारों पदों को बहाल कर नियमित भर्ती की जाए, समान काम समान वेतन पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लागू करते हुए मिड-डे मील वर्कर्स, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर्स व फैसिलिटेटर्स को स्थायी किया जाए तथा छठे वेतन आयोग द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन 18000 रुपए प्रतिमाह दिया जाए, 1-1-2016 के अनुसार 125% महंगाई भत्ता जोड़कर वेतन व पेंशन दोबारा निर्धारित की जाए।
बकाया राशि का नकद भुगतान किया जाए, मेडिकल भत्ता बढ़ाकर 2000 रुपए प्रतिमाह किया जाए, संशोधन के नाम पर रोके गए सभी भत्ते 2.25 गुना बढ़ाकर बहाल किए जाएं, एसीपी संबंधी वेतन आयोग की शेष रिपोर्ट जारी की जाए, न्यूनतम वेतन 26000 रुपए प्रतिमाह लागू किया जाए, महंगाई भत्ते की शेष किश्तें तथा 258 माह का बकाया तुरंत जारी किया जाए, 15-1-2015 तथा 17-7-2020 के पत्र रद्द किए जाएं, प्रोबेशन अवधि का पूरा ग्रेड सहित बकाया तुरंत जारी किया जाए, 2500 रुपए प्रति माह ली जा रही फीस को तुरंत वापस लिया जाए।
विकास कर के नाम पर 200 रुपये प्रति महीना लेना बंद करके पहले वसूली गई राशि वापस की जाए, कैशलेस स्वास्थ्य योजना संशोधित करके लागू की जाए, मुलाजिमों और पेंशनरों के हक में आए अदालती फैसलों को आम किया जाए, ट्रेड यूनियन अधिकारों को कुचलने वाला 1-1-2020 का घातक पत्र वापस लिया जाए, संघर्ष बंद किए जाएं। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर दर्ज झूठे पुलिस केस रद्द किए जाएं।
इस अवसर पर उक्त नेताओं के अलावा इंद्रजीत विरदी, सूरज प्रकाश आनंद, अमरीक सिंह, प्रिंसिपल अमनदीप शर्मा, मदन लाल सैनी, राकेश कुमार, डॉ. सुखदेव सिंह ढिल्लों, मनजीत सिंह सैनी, रशपाल सिंह, बलवीर सिंह, गुरप्रीत सिंह हीर, शमशेर सिंह धामी, विक्रम सिंह, महिंदर कुमार मेहता, सुदेश कुमार, मनजीत बाजवा, कुल बहादुर, परदुम्मन सिंह खरल, अनुपम रतन आदि नेता भी उपस्थित थे।
