पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ने कल्पना चावला को दी श्रद्धांजलि

चंडीगढ़, 6 फरवरी 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने आज अपनी प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा, कल्पना चावला को श्रद्धांजलि अर्पित की। अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक महान व्यक्तित्व, कल्पना चावला भारतीय मूल की पहली महिला थीं जिन्होंने 1999 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी। उन्होंने 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग से स्नातक किया था। 2003 में, स्पेस शटल कोलंबिया के पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से, उन्होंने अपना जीवन खो दिया।

चंडीगढ़, 6 फरवरी 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ ने आज अपनी प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा, कल्पना चावला को श्रद्धांजलि अर्पित की। अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक महान व्यक्तित्व, कल्पना चावला भारतीय मूल की पहली महिला थीं जिन्होंने 1999 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी। उन्होंने 1982 में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग से स्नातक किया था। 2003 में, स्पेस शटल कोलंबिया के पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से, उन्होंने अपना जीवन खो दिया।
उनकी स्मृति में, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा डॉ. कल्पना चावला मेमोरियल लेक्चर 2025 का आयोजन किया गया। इस वर्ष का सेशन "प्लैनेटरी एक्सप्लोरेशन यूज़िंग एलटीए सिस्टम्स" विषय पर केंद्रित था, जिसे आईआईटी बॉम्बे के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. राजकुमार एस. पंत ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर पीईसी के निदेशक प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार भाटिया, रजिस्ट्रार कर्नल आर.एम. जोशी, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. राकेश कुमार, और बड़ी संख्या में छात्र, संकाय सदस्य व कर्मचारी उपस्थित रहे।
अपने प्रेरणादायक व्याख्यान में, प्रो. पंत ने एयरोनॉटिक्स के क्षेत्र में अपने 42 वर्षों के असाधारण करियर का अनुभव साझा किया, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका भी शामिल थी। उन्होंने छात्रों को अपनी पेशेवर यात्रा की रोचक कहानियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के तेजी से विकसित होते क्षेत्र पर व्यापक जानकारी प्रदान की। प्रो. पंत ने भारत द्वारा अन्य देशों के साथ किए गए सहयोगी अंतरिक्ष अभियानों पर भी चर्चा की, जिसमें चंद्रमा, मंगल और शुक्र जैसे ग्रहों का अन्वेषण शामिल है।
व्याख्यान के दौरान एक भावनात्मक क्षण तब आया जब प्रो. पंत ने पीईसी में बिताए अपने दिनों को याद किया और बताया कि कैसे कल्पना चावला, जो उनकी सीनियर थीं, ने उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कल्पना चावला की मेहनत, लगन और उनके अद्वितीय शोध कार्यों को याद करते हुए कहा, कि उनकी प्रेरणा आज भी हजारों छात्रों के सपनों को उड़ान देती है।
कार्यक्रम के अंत में, प्रो. राकेश कुमार ने प्रो. पंत को उनकी अमूल्य प्रस्तुति के लिए स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित भी किया।
यह आयोजन न केवल एक श्रद्धांजलि था, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी बना, जिसने छात्रों को एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ने और कल्पना चावला की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।