
देश भगत यूनिवर्सिटी ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया
मंडी गोबिंदगढ़, 31 जनवरी- देश भगत यूनिवर्सिटी के सामाजिक विज्ञान एवं भाषा संकाय ने आईसीएसएसआर के सहयोग से ‘वसुधैव कुटुंबकम: समग्र मानव विकास के लिए भारत केंद्रित दृष्टिकोण’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार का उद्देश्य वैश्विक एकता और समग्र मानव प्रगति पर भारतीय दार्शनिक परिप्रेक्ष्य की खोज करना है।
मंडी गोबिंदगढ़, 31 जनवरी- देश भगत यूनिवर्सिटी के सामाजिक विज्ञान एवं भाषा संकाय ने आईसीएसएसआर के सहयोग से ‘वसुधैव कुटुंबकम: समग्र मानव विकास के लिए भारत केंद्रित दृष्टिकोण’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार का उद्देश्य वैश्विक एकता और समग्र मानव प्रगति पर भारतीय दार्शनिक परिप्रेक्ष्य की खोज करना है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि देश भगत यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. ज़ोरा सिंह और प्रो-चांसलर डॉ. तजिंदर कौर विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। अपने संबोधन में उन्होंने समकालीन विकास में भारत के समृद्ध सांस्कृतिक और दार्शनिक लोकाचार को एकीकृत करने के महत्व पर प्रकाश डाला। सेमिनार के पहले दिन उद्घाटन समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात विद्वान और विचारक शामिल हुए।
इस दौरान हरियाणा साहित्य एवं संस्कृत अकादमी, पंचकूला के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश के पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) कुलदीप अग्निहोत्री, खेती विरासत मिशन, फरीदकोट के कार्यकारी निदेशक एवं प्राकृतिक खेती एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रसिद्ध समर्थक उमेंद्र दत्त, अमृतसर ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के प्रबंध निदेशक एवं एआईसीटीई (ऑनलाइन) के नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी फॉर इंडक्शन प्रोग्राम के डॉ. रजनीश अरोड़ा, भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला के वरिष्ठ फेलो प्रो. हरपाल सिंह, भारत सरकार के अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बावा सिंह, रामगढ़िया कॉलेज, फगवाड़ा के प्रो. अवतार सिंह, श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व विश्वविद्यालय, फतेहगढ़ साहिब के कृषि विभाग के प्रोफेसर डॉ. रमेश अरोड़ा आदि मुख्य वक्ता रहे।
इस अवसर पर डॉ. सुरजीत कौर पथेजा, प्रो. कुलभूषण कुमार, प्रो. धर्मेंद्र सिंह, प्रो. अजयपाल सिंह, प्रो. कंवलजीत सिंह, डॉ. रेणु शर्मा व डॉ. ज्योति शर्मा भी उपस्थित थे। अपने संबोधन में विशेषज्ञों ने भारतीय परंपराओं और मूल्यों पर आधारित मानव विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण पर जोर दिया।
