पंजाबी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय ने अवतार गोंदरा जी से बातचीत की तथा अनुवाद प्रक्रिया पर विचार रखे

पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के पंजाबी विभाग ने मोहन सिंह दीवाना हॉल में प्रख्यात संपादक, लेखक एवं अनुवादक अवतार गोंदरा जी के साथ एक बैठक आयोजित की। मुख्य वक्ता ने अपनी अनुवादित पुस्तक "माहौल, मन ते साहित" तथा इसके मूल लेखक डॉ. त्रिलोक चंद तुलसी के बारे में बात की।

पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के पंजाबी विभाग ने मोहन सिंह दीवाना हॉल में प्रख्यात संपादक, लेखक एवं अनुवादक अवतार गोंदरा जी के साथ एक बैठक आयोजित की। मुख्य वक्ता ने अपनी अनुवादित पुस्तक "माहौल, मन ते साहित" तथा इसके मूल लेखक डॉ. त्रिलोक चंद तुलसी के बारे में बात की। 
अपने व्याख्यान के माध्यम से अवतार गोंदरा जी ने अनुवाद प्रक्रिया की जटिलताओं पर प्रकाश डाला। अवतार जी ने एक अन्य अनुवादित पुस्तक "तो मैंने देखा" तथा नव संपादित पत्रिका "पंजाबियत" पर भी अपने विचार साझा किए। विद्यार्थियों के प्रश्नों का सामना करते हुए उन्होंने पंजाबी लोगों की आत्म-जागरूकता के बारे में भी अपनी चिंता व्यक्त की। 
अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. योगराज ने वक्ता का धन्यवाद किया तथा भविष्य में इस प्रकार के और कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस अवसर पर विभाग के शिक्षकों में डॉ. परमजीत कौर सिद्धू, डॉ. सुखजीत कौर सिद्धू, श्री रवि कुमार तथा शोधकर्ता उपस्थित थे।