फेज 2 में बंदरों ने मचाया आतंक, जिला प्रशासन से मदद की अपील

एसएएस नगर, 2 जनवरी - फेज-2 में बंदरों ने आतंक मचा रखा है और इन बंदरों के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इन बंदरों के कारण न तो घर की छत पर खाना रखा जा सकता है और न ही बच्चों को आंगन या पार्क में खेलने के लिए भेजा जा सकता है।

एसएएस नगर, 2 जनवरी - फेज-2 में बंदरों ने आतंक मचा रखा है और इन बंदरों के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इन बंदरों के कारण न तो घर की छत पर खाना रखा जा सकता है और न ही बच्चों को आंगन या पार्क में खेलने के लिए भेजा जा सकता है।
फेज 2 मार्केट में खड़े कुछ रेहड़ी-फहड़ी वालों ने बताया कि कुछ दिन पहले एक महिला ने एक बंदर को छोड़ दिया था। उस दिन के बाद से बंदर कारों की छतों पर चढ़कर उस महिला (जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने उसका इलाज किया था) का इंतजार करता है। उक्त दोनों बंदरों के आतंक से फेज 2 के बाजारवासी भी परेशान हैं.
फेज-2 निवासी बीबी इंद्रजीत कौर ने बताया कि घरों में बंदरों द्वारा किए गए उत्पात की जानकारी प्रशासन को फोन पर दी गई थी, लेकिन लगता है कि विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। फेज 2 में रहने वाली पुष्पा देवी और बलजिंदर कौर पर भी इन बंदरों ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया है। उन्होंने बताया कि सुबह के समय बंदर उनके घर में घुस आते हैं और परिवार का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि एक दिन सफाई करते समय जब घर का दरवाजा खुला तो अचानक एक बंदर घर के अंदर आ गया और जब तक बंदर घर से बाहर नहीं गया तब तक पूरा परिवार दहशत के माहौल में था.
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को फोन पर उक्त बंदरों के उत्पादन के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया है. उन्होंने डिप्टी कमिश्नर मोहाली से मांग की है कि इस समस्या का जल्द समाधान किया जाए।
इस संबंध में संपर्क करने पर वन्य जीव विभाग के अधिकारी ने कहा कि बंदरों को वन्य जीव विभाग के अंतर्गत आने वाले पशुओं की सूची से हटा दिया गया है और अब इनके संबंध में कार्रवाई नगर निगम को करनी चाहिए.
संपर्क करने पर नगर निगम आयुक्त श्री टी बेनिथ ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वे इसकी जांच कराएंगे और इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.