
एनआईटी जालंधर में "आधुनिक समग्र सामग्री, और विनिर्माण" पर केंद्रित ज्ञान कोर्स का सफल समापन
जालंधर- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जालंधर में "आधुनिक समग्र सामग्री, और विनिर्माण " विषय पर आयोजित ज्ञान (ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स) कोर्स का आज सफल समापन हुआ। यह कोर्स 11 दिसंबर से 16 दिसंबर 2024 तक चला, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
जालंधर- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जालंधर में "आधुनिक समग्र सामग्री, और विनिर्माण " विषय पर आयोजित ज्ञान (ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स) कोर्स का आज सफल समापन हुआ। यह कोर्स 11 दिसंबर से 16 दिसंबर 2024 तक चला, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य उन्नत समग्र सामग्री (कॉम्पोजिट मटेरियल्स) और उनके आधुनिक विनिर्माण तकनीकों पर ज्ञान साझा करना तथा टिकाऊ और कुशल निर्माण प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना था। इस कोर्स में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। कोर्स के मुख्य वक्ता प्रोफेसर चोंग डू चो, इन्हा यूनिवर्सिटी, दक्षिण कोरिया के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर थे। उन्होंने अपने व्याख्यान में समग्र सामग्री की उन्नत तकनीकों और उनके औद्योगिक अनुप्रयोगों पर गहन चर्चा की।
कार्यक्रम का आयोजन औद्योगिक एवं उत्पादन इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया गया। कोर्स के समन्वयक डॉ. नरेंद्र कुमार और प्रो अनीश सचदेवा ने इसे सफलतापूर्वक संचालित किया।
एनआईटी जालंधर के निदेशक, प्रो बी.के. कन्नौजिया, ने समापन समारोह में कहा, "ज्ञान कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय की एक शानदार पहल है, जो अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता को भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह कोर्स प्रतिभागियों के लिए ज्ञान और कौशल में वृद्धि का एक उत्कृष्ट अवसर साबित हुआ है।"
डॉ. अजय बंसल, रजिस्ट्रार, ने कहा, "एनआईटी जालंधर ने इस वर्ष कुल छह ज्ञान कार्यक्रम आयोजित कर उच्च-स्तरीय शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा दिया है। ऐसे कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धन करते हैं बल्कि हमारे संस्थान की वैश्विक पहचान को भी मजबूत बनाते हैं।"
डॉ. राकेश कुमार, विभागाध्यक्ष, ने अपने संबोधन में कहा, "इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को समग्र सामग्री और विनिर्माण की नवीनतम तकनीकों से परिचित कराया। इससे उद्योग और शिक्षा क्षेत्र के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।"
इस कोर्स की सफलता में डॉ. बिकाश कुमार, डॉ. अविरल मिश्रा, डॉ. शीतल सोडा, डॉ. जुंजार कांबले और डॉ. मुकेश बाज्या जैसे अनुभवी फैकल्टी सदस्यों का भी उल्लेखनीय योगदान रहा। उन्होंने कार्यक्रम की योजना, सत्रों की रूपरेखा और प्रतिभागियों के लिए गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपलब्ध कराने में अपनी भूमिका निभाई। उनकी सामूहिक भागीदारी ने इस कार्यक्रम को शैक्षणिक और व्यावहारिक दृष्टि से बेहद समृद्ध बनाया।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने उन्नत सामग्रियों के अनुसंधान और विकास में नवीनतम रुझानों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
ज्ञान कोर्स, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य छात्रों और शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है। प्रतिभागियों और विशेषज्ञों ने एनआईटी जालंधर के प्रयासों की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे उच्च स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
