जिला स्तरीय टास्क फोर्स ने बाल भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के लिए किया निरीक्षण

होशियारपुर: डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के दिशा-निर्देशों पर जिला स्तरीय टास्क फोर्स ने बाल भिक्षावृत्ति की समस्या को समाप्त करने के लिए जिले में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इस अभियान के तहत जिला बाल संरक्षण इकाई ने माहिलपुर अड्डा, शिमला पहाड़ी, चंडीगढ़ रोड और दुशहरा ग्राउंड में दुकानदारों और आम लोगों से अपील की कि वे छोटे बच्चों को भीख न दें और बच्चों को भीख देने की बजाय उन्हें शिक्षा से जोड़ें।

होशियारपुर: डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल के दिशा-निर्देशों पर जिला स्तरीय टास्क फोर्स ने बाल भिक्षावृत्ति की समस्या को समाप्त करने के लिए जिले में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इस अभियान के तहत जिला बाल संरक्षण इकाई ने माहिलपुर अड्डा, शिमला पहाड़ी, चंडीगढ़ रोड और दुशहरा ग्राउंड में दुकानदारों और आम लोगों से अपील की कि वे छोटे बच्चों को भीख न दें और बच्चों को भीख देने की बजाय उन्हें शिक्षा से जोड़ें।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण इकाई, शिक्षा विभाग और मानव तस्करी विरोधी इकाई से मौजूद कर्मचारियों ने आम लोगों को जागरूक करते हुए लोगों को बाल भिक्षावृत्ति के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। आम लोगों को जागरूक किया गया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से भीख मंगवाना कानूनी अपराध है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी हरप्रीत कौर ने कहा कि बाल भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के लिए भीख मांगने वाले बच्चों के अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जानी चाहिए ताकि वे अपने बच्चों को भीख मांगने की बजाय स्कूल भेजें। 
उन्होंने जरूरतमंद बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही स्पॉन्सरशिप स्कीम के बारे में भी जानकारी दी, जिसके तहत जरूरतमंद व असहाय बच्चों को उनकी शिक्षा के लिए 4000 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है। उन्होंने अपील की कि अगर कोई 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा भीख मांगता दिखे तो इसकी सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई, राम कालोनी कैंप, चंडीगढ़ रोड, होशियारपुर या चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर दी जाए।
 उन्होंने कहा कि यह अभियान जिला बाल संरक्षण इकाई, शिक्षा विभाग व मानव तस्करी विरोधी इकाई के सहयोग से चलाया गया है।