
थैलेसीमिया को खत्म करना सिर्फ चिकित्सा लक्ष्य नहीं बल्कि नैतिक दायित्व है: जैकी श्रॉफ
नई दिल्ली, 5 मई- थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रक्त रोग है जिसकी रोकथाम की जा सकती है, लेकिन इसके बावजूद अकेले भारत में हर साल करीब 10,000 से 15,000 बच्चे थैलेसीमिया के साथ पैदा होते हैं। इस संबंध में गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने "रेड रन टू एंड थैलेसीमिया" का आयोजन किया।
नई दिल्ली, 5 मई- थैलेसीमिया एक आनुवांशिक रक्त रोग है जिसकी रोकथाम की जा सकती है, लेकिन इसके बावजूद अकेले भारत में हर साल करीब 10,000 से 15,000 बच्चे थैलेसीमिया के साथ पैदा होते हैं। इस संबंध में गुरुग्राम स्थित फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने "रेड रन टू एंड थैलेसीमिया" का आयोजन किया।
आम जनता में वर्ष 2035 तक थैलेसीमिया को समाप्त करने के लिए जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से शुरू किए गए इस राष्ट्रव्यापी अभियान में थैलेसीमिया जागरूकता के ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ ने भी भाग लिया।
इस अवसर पर थैलेसीमिया उन्मूलन के लिए काम कर रहे कई अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ, नीति निर्माता, गैर सरकारी संगठन, मरीज और नागरिक भी मौजूद थे। इस अवसर पर बोलते हुए श्री जैकी श्रॉफ ने कहा कि थैलेसीमिया को समाप्त करना केवल एक चिकित्सा लक्ष्य नहीं है, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी भी है।
उन्होंने कहा कि भारत में हर साल थैलेसीमिया मेजर के लगभग 10,000 से 15,000 नए मामले सामने आते हैं। यह एक खामोश संकट है, जो अनगिनत परिवारों को प्रभावित करता रहता है। उन्होंने कहा कि समय पर पहचान और जागरूकता से कई बच्चों को जीवन भर की समस्याओं से बचाया जा सकता है।
इस अवसर पर फोर्टिस गुरुग्राम के पीडियाट्रिक हीमेटोलॉजी, हीमेटो ऑन्कोलॉजी एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट के प्रमुख निदेशक एवं प्रमुख डॉ. विकास दुआ, फोर्टिस हेल्थकेयर के एमडी एवं सीईओ डॉ. आशुतोष रघुवंशी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट गुरुग्राम के फैसिलिटी डायरेक्टर यश रावत ने भी अपने विचार रखे।
