स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने कहा कि समय पर हस्तक्षेप से पंजाब में डेंगू के मामलों में 70% कमी आई है
एसएएस नगर, 21 अक्तूबर, 2024: पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सोमवार को कहा कि डेंगू के फैलाव को रोकने के लिए समय पर की गई कार्रवाई और प्रबंधन के कारण पिछले साल की तुलना में इस साल 70 प्रतिशत की कमी देखी गई है जबकि पंजाब में चिकनगुनिया के मामलों में 90 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
एसएएस नगर, 21 अक्तूबर, 2024: पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सोमवार को कहा कि डेंगू के फैलाव को रोकने के लिए समय पर की गई कार्रवाई और प्रबंधन के कारण पिछले साल की तुलना में इस साल 70 प्रतिशत की कमी देखी गई है जबकि पंजाब में चिकनगुनिया के मामलों में 90 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।
सोमवार सुबह विशेष सचिव स्वास्थ्य वरिंदर कुमार शर्मा के साथ डीसी आशिका जैन और सभी हितधारक विभागों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की पंजाब निवासियों को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाने की प्रतिबद्धता के अनुसार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग लोगों को डेंगू मच्छर के लार्वा के प्रजनन और इसे नष्ट करने के तरीके के बारे में जागरूक करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है।
उन्होंने पंजाब के निवासियों से आग्रह किया कि उन्हें हर शुक्रवार को ड्राई डे (हर शुक्रवार डेंगू ते वार) गतिविधि के रूप में स्थिर पानी के सभी संवेदनशील बिंदुओं को साफ करना है। उन्होंने कहा कि ये डेजर्ट कूलर टैंक, फूलों के गमले, फ्रिज के पीछे की ट्रे और पुराने टायर या उनके घरों के अंदर और आसपास कोई अन्य स्थान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल पंजाब में आज तक डेंगू के 13000 मामले थे, इस साल यह संख्या 2032 है। उन्होंने कहा कि इस बार डेंगू के कारण कोई मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मोहाली में पिछले साल के 1325 मामलों की तुलना में बहुत कम मामले हैं, जिनमें कोई मौत नहीं हुई, लेकिन प्रशासन को शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विकास और पंचायतों और जल आपूर्ति और स्वच्छता विभागों जैसे सभी हितधारकों के साथ समन्वय में अधिक सक्रिय रूप से काम करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लोगों को शिक्षित करने और डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए अधिक घरों का दौरा करके प्रजनन जांच गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कहा गया है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य के आठवीं कक्षा से ऊपर के लगभग 20 लाख विद्यार्थियों को डेंगू मच्छरों के प्रजनन की जांच कर उन्हें नष्ट करने, दुर्घटना के शिकार लोगों को प्राथमिक उपचार देने, नाक से खून बहने से रोकने, सांप के काटने पर देखभाल करने, जीवन शैली में सुधार आदि जैसे बुनियादी जीवन कौशल से लैस करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग इसके लिए बुनियादी पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान शुद्ध और मिलावट रहित मिठाइयों को सुनिश्चित करने के लिए दूध उत्पादों के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं और एक समर्पित खाद्य सुरक्षा वैन की प्रतिनियुक्ति की गई है। ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों और पैरामेडिक्स की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों में संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही अस्पतालों के कर्मचारियों को भी धैर्य रखने के लिए कहा गया है ताकि किसी मरीज की गंभीर स्थिति के कारण कोई हिंसक हो जाए।
उन्होंने कहा कि वे उपायुक्त से साप्ताहिक समीक्षा करेंगे। उपायुक्त श्रीमती आशिका जैन ने स्वास्थ्य मंत्री को डेंगू मच्छर के लार्वा के बारे में लोगों को जागरूक करने और इसे नष्ट करने के तरीके के बारे में आक्रामक अभियान चलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि डेंगू से लड़ने के लिए सभी विभाग मिलकर काम करेंगे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास और जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों सहित जिले और उपमंडलों के प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
*डेंगू के लक्षण* अचानक तेज बुखार, तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द, त्वचा पर चकत्ते, थकान, मतली, उल्टी।
*क्या करें* कूलर और अन्य छोटे कंटेनरों से सप्ताह में कम से कम एक बार पानी निकालें, ओवरहेड टैंक को ढक कर रखें, फ्रिज के पीछे वाले ट्रे से हर सप्ताह पानी निकालें। दिन में सोते समय मच्छरदानी या मच्छर भगाने वाली दवा का प्रयोग करें। पानी रखने वाले बर्तनों को साप्ताहिक आधार पर खाली करना और सुखाना जरूरी है, मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए आसपास को साफ और सूखा रखें। प्लास्टिक, नारियल के छिलके और खाली डिब्बे व डिब्बे का निपटान करें पक्षियों के दाना-पानी के बर्तनों में पानी जमा न होने दें।
शहर से बाहर जाते समय शौचालय के बर्तनों को खुला न छोड़ें। इन महीनों में गमलों के नीचे बर्तनों का इस्तेमाल न करें क्योंकि अगर उन्हें बिना बदले छोड़ दिया जाए तो उनमें पानी जमा हो सकता है। डेंगू के मरीजों को स्टेरॉयड या एंटीबायोटिक न दें। जब तक रक्तस्राव न हो या प्लेटलेट काउंट 10,000 से कम न हो, तब तक प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन से बचें।
