उत्तराखंड के मछली पालकों ने वेटरनरी यूनिवर्सिटी से प्राप्त किया प्रशिक्षण

लुधियाना 18 नवंबर 2024: गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने उत्तराखंड राज्य द्वारा प्रायोजित हरिद्वार के 07 महिलाओं सहित 25 मछली किसान उद्यमियों के लिए तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया। समूह का नेतृत्व श्री जयप्रकाश भास्कर, वरिष्ठ मत्स्य अधिकारी, हरिद्वार द्वारा किया गया।

लुधियाना 18 नवंबर 2024: गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने उत्तराखंड राज्य द्वारा प्रायोजित हरिद्वार के 07 महिलाओं सहित 25 मछली किसान उद्यमियों के लिए तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किया। समूह का नेतृत्व श्री जयप्रकाश भास्कर, वरिष्ठ मत्स्य अधिकारी, हरिद्वार द्वारा किया गया।
  डॉ वनीत इंदर कौर प्रशिक्षण समन्वयक ने कहा कि यह प्रशिक्षण उन किसानों को उन्नत तकनीक और ज्ञान प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था जो पहले मछली पालन में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन किसानों को कार्प मछली पालन, पंगास मछली पालन और ताजे पानी में झींगा पालन, सजावटी मछली पालन और बायोफ्लॉक और रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर प्रणाली के बारे में बताया गया। शिक्षार्थियों को मछली प्रबंधन के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रबंधन और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के उत्पादन के बारे में भी गहन जानकारी दी गई।
  प्रशिक्षण के तकनीकी समन्वयक डॉ. एसएन दत्ता और डॉ. गरिश्मा तिवारी ने कहा कि छात्रों को प्रगतिशील किसानों से सीखने का अवसर दिया गया। जसवीर सिंह औजला, गांव करौदीयां और स. मलकीत सिंह, गांव मदनीपुरा के फार्म और लुधियाना के मछली बाजार का भी दौरा करवाया गया।
  डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों की क्षमता निर्माण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है ताकि पशुपालन, डेयरी और मछली किसानों को नई प्रौद्योगिकियों और ज्ञान से परिचित कराया जा सके।
  डॉ मीरा डी आंसल, कॉलेज ऑफ फिशरीज के डीन ने कहा कि इस कॉलेज में इस प्रकार के मांग आधारित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं ताकि किसानों और उद्यमियों को नई जानकारी देकर सशक्त बनाने का प्रयास किया जा सके।
  डॉ प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि पशुपालन में नए आयाम पैदा करने के लिए विश्वविद्यालय लगातार प्रयासरत है ताकि हमारे किसान हर उन्नत और आधुनिक तकनीक को समझ सकें और अपना सकें।