श्री गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती को समर्पित धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये गये

गढ़शंकर - श्री गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार साहिब जी गांव रामपुर बिलरो से श्री गुरु नानक देव जी की जयंती को समर्पित; बुधवार 13 नवंबर को पंच प्यारों की अगुवाई में नगर कीर्तन निकाला गया. इस विशाल नगर कीर्तन के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और सतनाम वाहेगुरु का जाप किया.

गढ़शंकर - श्री गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार साहिब जी गांव रामपुर बिलरो से श्री गुरु नानक देव जी की जयंती को समर्पित; बुधवार 13 नवंबर को पंच प्यारों की अगुवाई में नगर कीर्तन निकाला गया. इस विशाल नगर कीर्तन के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और सतनाम वाहेगुरु का जाप किया.
यह नगर कीर्तन गुरु घर से शुरू होकर विभिन्न स्थानों से होते हुए गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार साहिब जी पर समाप्त हुआ। इसी तरह 15 नवंबर शुक्रवार को गुरु घर में अखंड पाठ साहिब का आयोजन हुआ और भोग के बाद भाई गुरदीप सिंह खालसा गढ़शंकर ने गुरु जस का जाप कर अपनी श्रद्धा प्रकट की और श्रद्धालुओं को श्री गुरु नानक देव के उपदेशों से अवगत कराया उन्होंने कहा कि प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी ने 'न हिंदू, न मुसलमान' का उद्घोष कर लोगों को धार्मिक रूढ़ियों से ऊपर उठकर सच्चे धर्म को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर शहरवासियों ने कीर्तन का आनंद उठाया अंत में समिति के सदस्यों ने बातचीत करते हुए कहा कि "जतन बहुत सुख के किए, दुख को कियो न कोय" "कुह नानक सुनि रे मन, हरि भवै सो होई" अर्थात:- मनुष्य अपने सुख को प्राप्त करने के लिए अनेक प्रयत्न करता रहता है, और अपने दुख के लिए कोई जतन नहीं करता| सतगुरु नानक कहते हैं हे मन, जो भगवान को अच्छा लगता है वही होता है|
इस अवसर पर अध्यक्ष शाम सिंह, सचिव हरप्रीत बेदी, कोषाध्यक्ष जसवीर कौर, भूपिंदर सिंह, अनुराग बेदी, गुरप्रीत सिंह (गोपी), गुरप्रीत सिंह (सोनू), जसकरण सिंह, शिवम बेदी, प्रिंस बेदी, सतनाम सिंह और सभी सदस्य उपस्थित थे।