मुख्यमंत्री पंजाब श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार शहीदों के सपनों को आगे बढ़ाएगी: मंत्री मोहिंदर भगत

नवांशहर, 29 सितंबर - शहीद-ए-आजम सीनियर भगत सिंह के 117वें जन्मदिन पर नवांशहर प्रशासन की ओर से उनके पैतृक गांव खटकड़ कलां में दो दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पहुंचे पंजाब सरकार द्वारा हाल ही में नियुक्त किए गए कैबिनेट मंत्री श्री मोहिंदर भगत ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए तीखे सवालों के जवाब बड़ी ही शालीनता से दिए. यहाँ की विशेषता यह थी कि श्री मोहिंदर भगत इस समय पंजाब सरकार में एक महत्वपूर्ण मंत्री होते हुए भी सामान्य घरों के काकेयां की तरह बिना सुरक्षा कर्मियों के बेरोकटोक घूमते रहे।

नवांशहर, 29 सितंबर - शहीद-ए-आजम सीनियर भगत सिंह के 117वें जन्मदिन पर नवांशहर प्रशासन की ओर से उनके पैतृक गांव खटकड़ कलां में दो दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पहुंचे पंजाब सरकार द्वारा हाल ही में नियुक्त किए गए कैबिनेट मंत्री श्री मोहिंदर भगत ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए तीखे सवालों के जवाब बड़ी ही शालीनता से दिए. यहाँ की विशेषता यह थी कि श्री मोहिंदर भगत इस समय पंजाब सरकार में एक महत्वपूर्ण मंत्री होते हुए भी सामान्य घरों के काकेयां की तरह बिना सुरक्षा कर्मियों के बेरोकटोक घूमते रहे।
इस मौके पर श्री भगत ने विशेष बातचीत के दौरान कहा कि आज भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शहीद-ए-आजम स.भगत सिंह की 117वीं जयंती है. उनका जन्म 28 सितम्बर 1907 को जिला सैफलाबाद तहसील उद्दावाला के ग्राम बंगा (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। जिस हवेली में उनका जन्म हुआ था उसे पाकिस्तानी नायक साकिब ने एक संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया है। जहां उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की 400 तस्वीरें सजाई हैं भगत सिंह का मात्र 23 वर्ष का जीवन वैचारिक और राजनीतिक संघर्षों से भरी एक बड़ी गाथा है जो देशवासियों विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।
भगत सिंह एक विचारक, अच्छे संगठनकर्ता, प्रभावी वक्ता, अच्छे नेता और तर्क को प्रधानता देने वाले व्यक्ति थे। 1923 में भगत सिंह अपने परिवार को एक पत्र लिखकर यह कहकर घर से कानपुर चले गये कि उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता है। वहां उन्होंने गणेश शंकर विद्यार्थी के 'प्रताप' अखबार में काम किया वहां उन्होंने बब्बर अकाली आंदोलन पर एक लेख लिखा, 'होली दे  दिन लहू दे छीटे'| नेशनल कॉलेज लाहौर में पढ़ते समय भगत सिंह को वैज्ञानिक सोच भगवती चरण वोहरा से मिली| इसी सोच के चलते भगत सिंह ने लिखा कि अराजकतावाद, समाजवाद  क्या है, मैं नास्तिक क्यों हूं, बंद का दर्शन, क्रांति जिंदाबाद, सुखदेव को पत्र, दुख से भागना कायरता है, राष्ट्र के नाम संदेश, आजादी संघर्ष करो और उसके बाद "फाँसी  नहीं सानू गोली नाल उड़ाया जाये" आदि पत्र लिखे गये जो उनकी गहन समझ का प्रमाण हैं।
उन्होंने कहा कि आज हमें भगत सिंह और उनके साथी क्रांतिकारियों को उनकी विचारधारा, राजनीतिक अंतर्दृष्टि और संघर्षपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेकर याद करना चाहिए और उनके नक्शेकदम पर चलने का प्रयास करना चाहिए, यही उन महान क्रांतिकारियों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी मेडिकल कॉलेज, महिला खाते में शहीद भगत सिंह के नाम पर योजना शुरू करने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि माननीय सरकार अपना हर वादा जल्द पूरा करेगी. मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के संबंध में उन्होंने कहा कि किसी भी बुराई को खत्म करने में समय लगता है लेकिन वह खत्म हो जायेगी.