
पंजाब विश्वविद्यालय में “मॉलिक्यूलर न्यूरोबायोलॉजी में उन्नत तकनीकों” पर कार्यशाला शुरू
चंडीगढ़, 23 सितंबर 2024- पंजाब विश्वविद्यालय (PU) में ‘मॉलिक्यूलर न्यूरोबायोलॉजी में उन्नत तकनीकों’ पर तीन दिवसीय कार्यशाला आज शुरू हुई। यह कार्यशाला प्रतिभागियों को न्यूरोबायोलॉजी और न्यूरोलॉजिकल विकारों को समझने के लिए अपनाई जा रही उभरती तकनीकों और विधियों से अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।
चंडीगढ़, 23 सितंबर 2024- पंजाब विश्वविद्यालय (PU) में ‘मॉलिक्यूलर न्यूरोबायोलॉजी में उन्नत तकनीकों’ पर तीन दिवसीय कार्यशाला आज शुरू हुई। यह कार्यशाला प्रतिभागियों को न्यूरोबायोलॉजी और न्यूरोलॉजिकल विकारों को समझने के लिए अपनाई जा रही उभरती तकनीकों और विधियों से अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित की गई है।
कार्यशाला का उद्घाटन प्रो. हर्ष नय्यर, निदेशक, अनुसंधान और विकास प्रकोष्ठ, पंजाब विश्वविद्यालय ने किया। उन्होंने न्यूरोसाइंस की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और मानसिक स्वास्थ्य विकारों की बढ़ती संख्या तथा मस्तिष्क विकारों के वैश्विक चुनौती का समाधान करने के लिए अंतर्विषयक अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. दपिंदर बक्शी, संयुक्त निदेशक, पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, जो विशेष अतिथि थे, ने न्यूरोथेरेप्यूटिक्स के विकास में उद्यमियों की भूमिका पर ध्यान आकर्षित किया और प्रतिभागियों को अनुसंधान स्टार्ट-अप स्थापित करने के लिए प्रेरित किया ताकि भारत मस्तिष्क विकारों के बढ़ते बोझ से निपटने में वैश्विक खिलाड़ी बन सके।
इस कार्यशाला में भारत के विभिन्न राज्यों, जैसे ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तेलंगाना, कर्नाटका और पंजाब से 30 से अधिक शोध स्कॉलर्स और युवा फैकल्टी भाग ले रहे हैं। कुछ अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी भी इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण का हिस्सा हैं।
प्रतिभागियों को न्यूरोसाइंस अनुसंधान में उपयोग होने वाले मॉडलों, जैसे यीस्ट, ज़ेब्राफिश, कीड़े, सेल कल्चर (प्राथमिक, 2D और 3D) और चूहों के मॉडलों, साथ ही उन्नत न्यूरोबायोलॉजी तकनीकों, जैसे इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी, ऑप्टोजेनेटिक्स, इन विवो इमेजिंग, ओमिक्स विधियों आदि पर व्याख्यान और प्रदर्शनों का लाभ मिलेगा।
यह कार्यशाला बायोकैमिस्ट्री विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, NABI, मोहाली और PGIMER, चंडीगढ़ में लाइव डेमो के साथ होगी। कार्यशाला के बाद 'न्यूरोकेमिस्ट्री में नवाचार और भविष्य की संभावनाएँ' विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 26 से 28 सितंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारत और विदेशों से कई प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक का मुख्य आकर्षण बुनियादी वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के बीच संबंध स्थापित करना होगा।
प्रो. रेनु विग, PU की उपकुलपति ने यह बताते हुए खुशी व्यक्त की कि PU नए न्यूरोसाइंटिस्टों को मानव मस्तिष्क, जो जीवविज्ञान में अंतिम सीमा है, को समझने में प्रशिक्षण देने में अग्रणी है।
प्रो. रजत संधीर ने चंडीगढ़ में इस कार्यक्रम की मेज़बानी का अवसर देने के लिए भारतीय न्यूरोकेमिस्ट्री सोसाइटी के प्रति आभार व्यक्त किया।
