स्थायी साझेदारी के निर्माण के हित में नेस्ले के वैज्ञानिकों ने वेटरनरी विश्वविद्यालय का किया दौरा

लुधियाना 23 सितम्बर 2024 - श्री पास्कल चैपोट, नेस्ले के वैश्विक कृषि प्रमुख, हेनरी फ्लोरेंस, सस्टेनेबल न्यूट्रिशन के प्रमुख, मैनुअल शेरेर, स्विट्जरलैंड के कृषिविज्ञानी, नवीन पुतलिंगाह, सिंगापुर और नेस्ले मोगा के सुमित धीमान और उनकी टीम के प्रतिनिधिमंडल ने गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना का दौरा किया। इस यात्रा का उद्देश्य 2050 तक पशुधन क्षेत्र से शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य पर संभावित सहयोग का पता लगाना था।

लुधियाना 23 सितम्बर 2024 - श्री पास्कल चैपोट, नेस्ले के वैश्विक कृषि प्रमुख, हेनरी फ्लोरेंस, सस्टेनेबल न्यूट्रिशन के प्रमुख, मैनुअल शेरेर, स्विट्जरलैंड के कृषिविज्ञानी, नवीन पुतलिंगाह, सिंगापुर और नेस्ले मोगा के सुमित धीमान और उनकी टीम के प्रतिनिधिमंडल ने गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना का दौरा किया। इस यात्रा का उद्देश्य 2050 तक पशुधन क्षेत्र से शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य पर संभावित सहयोग का पता लगाना था।
  चर्चा के दौरान डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने कहा कि विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और नेस्ले के साथ साझेदारी में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि दोनों संगठनों के सहयोग से सतत विकास का एक मॉडल तैयार किया जायेगा। गौरतलब है कि पशुधन क्षेत्र वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 18 प्रतिशत हिस्सा डालता है। जिसमें मीथेन गैस की हिस्सेदारी 37 फीसदी है. मीथेन गैस ग्लोबल वार्मिंग को कई गुना बढ़ा देती है। तापमान को ठंडा रखने के लिए इसके उत्सर्जन को नियंत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण है।
  डॉ संजीव कुमार उप्पल, निदेशक अनुसंधान ने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि और पशुधन प्रबंधन में टिकाऊ प्रथाओं के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ हरमनजीत सिंह बांगा रजिस्ट्रार ने विश्वविद्यालय की उन्नत अनुसंधान सुविधाओं और क्षमताओं के बारे में बताया। डॉ रविंदर सिंह ग्रेवाल ने प्रतिनिधिमंडल को पशुधन फार्म का दौरा कराया और चल रही परियोजनाओं और उन्नत सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ जसपाल सिंह हुंदल ने डेयरी मवेशियों में मीथेन गैस के उत्पादन को कम करने पर विश्वविद्यालय में चल रहे शोध पर प्रकाश डाला।
  द्विपक्षीय सहयोग की स्थापना के लिए अपना उत्साह दिखाते हुए, श्री पास्कल ने कहा कि हम साझा विषयों पर एक साथ काम करने के इच्छुक हैं और इसके प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की भी सराहना करते हैं। श्री धीमान ने कहा कि विश्वविद्यालय में उच्च गुणवत्ता वाले शोध कार्य चल रहे हैं और हम मिलकर काम करके प्रभावी नीतियों पर कार्य करेंगे जिससे डेयरी मवेशियों के मीथेन गैस उत्पादन को कम करके पर्यावरण में सुधार होगा और डेयरी प्रबंधन की लागत भी कम होगी।