
वेटरनरी यूनिवर्सिटी में कृषि विज्ञान केन्द्रों की वार्षिक जोनल कार्यशाला शुरू
लुधियाना 18 सितम्बर 2024- कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, लुधियाना के अंतर्गत कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्रों की तीन दिवसीय वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला आज गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में शुरू हुई। कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में डॉ राजेश्वर सिंह चंदेल, वाइस चांसलर, डॉ वाईएस परमार, औद्यानिकी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश ने मुख्य अतिथि के रूप में, डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर, वेटरनरी विश्वविद्यालय और डॉ. जेपी शर्मा, पूर्व कुलपति, शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने समागम की शोभा बढ़ाई ।
लुधियाना 18 सितम्बर 2024- कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, लुधियाना के अंतर्गत कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्रों की तीन दिवसीय वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला आज गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में शुरू हुई। कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में डॉ राजेश्वर सिंह चंदेल, वाइस चांसलर, डॉ वाईएस परमार, औद्यानिकी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश ने मुख्य अतिथि के रूप में, डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर, वेटरनरी विश्वविद्यालय और डॉ. जेपी शर्मा, पूर्व कुलपति, शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने समागम की शोभा बढ़ाई ।
उद्घाटन समारोह में डॉ. प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा एवं प्रशासनिक सचिव ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉ राजेश्वर सिंह चंदेल ने प्रदर्शनियों के माध्यम से प्रसार के बुनियादी ढांचे में सुधार और अनुसंधान और किसानों के बीच संबंधों को बढ़ाने के पहलुओं पर जोर दिया। उन्होंने जमीनी हकीकत अनुसंधान, प्राकृतिक खेती और टिकाऊ पर्यावरण के महत्व के बारे में बात की।
डॉ जतिंदर पाल सिंह गिल ने आवश्यकता आधारित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के अधिकारी समय-समय पर पुनश्चर्या पाठ्यक्रम संचालित करें ताकि उनका ज्ञान अद्यतन रहे। डॉ जेपी शर्मा ने कृषि में विविधीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला और कृषि प्रसंस्करण में उपलब्ध अवसरों और भोजन की बर्बादी को रोककर भूख की रोकथाम पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण उत्पाद, उद्यमशीलता विकास और विपणन बुद्धिमत्ता कृषक समुदाय के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है।
डॉ परवेन्दर शेरॉन,निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान ने कृषि विज्ञान केंद्रों की उपलब्धियों और गतिविधियों के बारे में बताया। समारोह में विभिन्न प्रकाशन एवं वीडियो फिल्में भी लोकार्पण की गईं। डॉ राजेश राणा ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करने की रस्म निभाई। 20 सितंबर तक चलने वाली कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्रों के पिछले प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा होगी।
