8वीं जीआई कॉन्फ्रेंस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इमर्जेंसी अपडेट 13 से 15 सितंबर 2024 तक आयोजित होगी।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग विभाग, पीजीआईएमईआर, 13 से 15 सितंबर 2024 तक 8वीं जीआई कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर रहा है। यह राष्ट्रीय स्तर का आयोजन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और यकृत आपात स्थितियों के प्रमाण-आधारित प्रबंधन पर केंद्रित होगा। सत्रों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव, तीव्र अग्नाशयशोथ और यकृत विफलता की जटिलताओं जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर किया जाएगा। विशेष ध्यान आंतों के अवरोध, सूजन आंत्र रोग और विषाक्त पदार्थों के सेवन जैसी आपात स्थितियों पर दिया जाएगा।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग विभाग, पीजीआईएमईआर, 13 से 15 सितंबर 2024 तक 8वीं जीआई कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर रहा है। यह राष्ट्रीय स्तर का आयोजन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और यकृत आपात स्थितियों के प्रमाण-आधारित प्रबंधन पर केंद्रित होगा। सत्रों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव, तीव्र अग्नाशयशोथ और यकृत विफलता की जटिलताओं जैसे महत्वपूर्ण विषयों को कवर किया जाएगा। विशेष ध्यान आंतों के अवरोध, सूजन आंत्र रोग और विषाक्त पदार्थों के सेवन जैसी आपात स्थितियों पर दिया जाएगा।

विभाग की प्रमुख और आयोजन अध्यक्ष प्रो. उषा दत्ता ने इस प्रकार के सम्मेलन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, ताकि पहले संपर्क करने वाले डॉक्टरों और विशेषज्ञों के बीच आपातकालीन प्रबंधन में अंतर को कम किया जा सके। इस सम्मेलन में प्रतिष्ठित वक्ता शामिल होंगे, जिनमें प्रो. प्रतिमा मूर्ति और डॉ. नरेश भट्ट भी होंगे, जो जटिल मामलों के प्रबंधन में अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगे।

13 सितंबर को होने वाले व्यावहारिक सत्र में मॉडल और वास्तविक जीवन की स्थितियों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे रेजिडेंट डॉक्टर और प्रशिक्षु अपनी आपातकालीन देखभाल कौशल को निखार सकें। एक विशेष सत्र प्वाइंट ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड (पीओसीयूएस) पर भी आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य युवा डॉक्टरों की निदान और प्रबंधन क्षमताओं को बढ़ाना है।

इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रतिभागियों को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल आपात स्थितियों के प्रबंधन में नवीनतम ज्ञान और कौशल से लैस करना है, जिससे रोगियों के परिणामों में सुधार हो सके।