
वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा 13 और 14 सितंबर को किया जाएगा 'पशुपालन मेला' का आयोजन
लुधियाना 08 सितम्बर 2024 - गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में 13 और 14 सितंबर 2024 को दो दिवसीय 'पशुपालन मेला' आयोजित किया जा रहा है। डॉ प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि किसानों द्वारा की गई पूछताछ से पता चलता है कि वे मेला देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं।
लुधियाना 08 सितम्बर 2024 - गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना में 13 और 14 सितंबर 2024 को दो दिवसीय 'पशुपालन मेला' आयोजित किया जा रहा है। डॉ प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि किसानों द्वारा की गई पूछताछ से पता चलता है कि वे मेला देखने के लिए बहुत उत्सुक हैं।
मेले में विश्वविद्यालय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान, डेयरी, पोल्ट्री, मत्स्य पालन से जुड़ी तकनीकों का प्रदर्शन करेगा और तकनीकी व्याख्यान के मंच पर कृषि-वैज्ञानिक जुटेंगे. प्रश्नोत्तरी सत्र भी आयोजित किया जाएगा। विश्वविद्यालय की सर्वोत्तम नस्ल की गाय, भैंस, बकरी, मछली और मुर्गियों का प्रदर्शन किया जाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित संपूर्ण साहित्य एवं पत्रिका 'वैज्ञानिक पशुपालन' भी उपलब्ध होगी। नई पुस्तिकाएं और अन्य प्रकाशन सार्वजनिक किए जाएंगे।
मेले में पशुओं की नस्लों के सुधार को बढ़ावा देने के लिए दूध एवं दुग्ध उत्पाद, मशीनरी, दवाएं, टीके, पशु आहार से संबंधित कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। मेले में विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित खनिज मिश्रण, मवेशियों की चाट, बाइपास फैट और पराली को यूरिया से उपचारित करने के बारे में बताया जाएगा। किसानों को थनैला रोग, दूध की जांच, पशु विषाक्तता, आंतरिक परजीवियों के बारे में जागरूक किया जाएगा। मेले के दौरान रक्त, गोबर, मूत्र, त्वचा, चारे के नमूने, दूध और चारा विषाक्तता के बारे में सेवाएं नि:शुल्क प्रदान की जाएंगी।
डॉ इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर ने कहा कि हम मेले में दूसरे राज्यों के किसानों को भी आमंत्रित करते हैं। मेले में जहां पशुपालन और कृषि से संबंधित विभिन्न विभाग भाग लेंगे, वहीं 100 से अधिक कंपनियां अपनी दवाओं, उपकरणों, मशीनरी और जानवरों से संबंधित सुविधाओं के लिए स्टॉल लगाएंगी। विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में कार्य करने वाले किसान संगठन भी अपने स्टॉल लगाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार हम मेले को उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से समर्पित कर रहे हैं ताकि पशुपालकों को अधिक लाभ मिल सके। इसीलिए इस मेले का नारा है 'उत्पादन से उत्पाद बनाएं, आओ अधिक लाभ पाऐं'। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन अपनाने और इसे बढ़ावा देने वाले तीन किसानों को 'मुख्यमंत्री पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जाएगा।
