
दूषित पानी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए सहयोगी विभाग मिलकर काम करें - अतिरिक्त उपायुक्त (जे)
नवांशहर - राष्ट्रीय और प्रांतीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा के लिए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जे) श्री राजीव वर्मा के कुशल नेतृत्व में आज जिला प्रशासनिक परिसर, शहीद भगत सिंह नगर में जिला स्वास्थ्य सोसायटी की एक बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त (ज) श्री राजीव वर्मा ने स्वास्थ्य अधिकारियों सहित विभिन्न सहायक विभागों को बरसात के मौसम में जिले में बैक्टीरिया और दूषित पानी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए।
नवांशहर - राष्ट्रीय और प्रांतीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा के लिए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जे) श्री राजीव वर्मा के कुशल नेतृत्व में आज जिला प्रशासनिक परिसर, शहीद भगत सिंह नगर में जिला स्वास्थ्य सोसायटी की एक बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त (ज) श्री राजीव वर्मा ने स्वास्थ्य अधिकारियों सहित विभिन्न सहायक विभागों को बरसात के मौसम में जिले में बैक्टीरिया और दूषित पानी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बैक्टीरिया और दूषित पानी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए जिले के सभी सहयोगी विभाग मिलकर काम करें. उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में बैक्टीरिया से फैलने वाली डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया तथा दूषित पानी से डायरिया, उल्टी, हैजा, पीलिया जैसी बीमारियों को रोकने के लिए अंतर्विभागीय सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग, नगर परिषद, शिक्षा विभाग, एकीकृत बाल विकास विभाग सहित सभी सहयोगी विभाग आपसी बातचीत के माध्यम से बीमारियों की रोकथाम के लिए तत्काल उपाय लागू करना सुनिश्चित करें कि समय रहते तुरंत उचित उपायों के माध्यम से इन बीमारियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने ऐसी बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण को सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि प्रत्येक विभाग अपनी गतिविधियों को जिला स्तर पर बनाये गये व्हाट्सएप ग्रुप में अपडेट करें. श्री वर्मा ने आगे कहा कि पानी के नमूनों के परीक्षण के लिए एच2एस शीशियों की पर्याप्त आपूर्ति का समय पर प्रावधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि बहुमूल्य मानव जीवन को इन बीमारियों से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप पानी के नमूने एकत्र कर प्रयोगशालाओं को भेजे जाएं तथा नमूना फेल होने की स्थिति में प्रत्येक सहयोगी विभाग द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाए। किसी भी स्थान पर बीमारी फैलने की स्थिति में संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर तत्काल कार्रवाई की जाए।
उस जिले में पर्यवेक्षण प्रबंधन को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहयोगी विभागों से बातचीत कर जीव-जंतुओं एवं दूषित जल से होने वाली बीमारियों पर नियंत्रण के लिए हरसंभव प्रयास किये जाएं। पेयजल में दूषित पानी मिलने की सूचना संबंधित विभागों को दी जाए, बिना लपेटे फल/सब्जियों एवं अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर जांच की जाए। दूषित जल से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए आम लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें अपने दैनिक जीवन में हाथ धोने की विधि को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी क्षेत्र में दूषित जल की समस्या हो तो संबंधित विभाग को सूचित किया जाए कि जब तक उस क्षेत्र में जल के दूषित होने की समस्या ठीक नहीं हो जाती है तब तक वैकल्पिक स्रोत से आम लोगों को पेयजल आपूर्ति की जाए इसे और बढ़ने से रोका जा सकता है.
उन्होंने कहा कि शहरों व कस्बों में स्थानीय निकाय विभाग तथा गांवों में पंचायत विभाग की नियमित अंतराल पर फॉगिंग कराने की जिम्मेदारी है। इसलिए फॉगिंग का शेड्यूल पहले ही साझा किया जाना चाहिए। श्री राजीव वर्मा ने आगे कहा कि जिले में भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए गर्भवती महिलाओं का समय पर पंजीकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि उन्हें निगरानी प्रणाली में लाया जा सके. उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रत्येक उच्च जोखिम वाली मां के सुरक्षित प्रसव पर विशेष ध्यान देकर उसकी व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में प्रसव की दर को और बढ़ाने के लिए लोगों को सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने वाली गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में और अधिक जागरूक किया जाना चाहिए।
उन्होंने खाद्य सुरक्षा विंग के अधिकारियों को जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू करने के निर्देश दिए। जहां भी मिलावट की आशंका हो, वहां से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाए और मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जिले में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता एवं शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक जागरूकता गतिविधियाँ सुनिश्चित की जाएं। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ.जसप्रीत कौर ने कहा कि बरसात के मौसम में दूषित पानी से डायरिया, उल्टी, हैजा, पीलिया जैसी बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जाती है। इन बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग अपने निर्धारित कार्यों को बखूबी निभा रहा है। जब भी किसी क्षेत्र में दूषित पानी की समस्या का पता चलता है तो संबंधित विभागों को तुरंत इस संबंध में सूचित किया जाता है ताकि ऐसे मामलों को और बढ़ने से रोका जा सके।
