
मातृ मृत्यु समीक्षा समिति की बैठक मातृ मृत्यु की समीक्षा के लिए हुई
होशियारपुर - मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रदान की जाने वाली सेवाओं और महिलाओं की मातृ मृत्यु दर में सुधार के लिए जिला स्तरीय सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार दमाना के दिशा-निर्देशानुसार जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अनिता कटारिया के नेतृत्व में इस माह में होने वाली मातृ मृत्यु के कारणों की समीक्षा हेतु गठित मातृ मृत्यु समीक्षा समिति की बैठक सिविल सर्जन कार्यालय में आयोजित की गई।
होशियारपुर - मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रदान की जाने वाली सेवाओं और महिलाओं की मातृ मृत्यु दर में सुधार के लिए जिला स्तरीय सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर कुमार दमाना के दिशा-निर्देशानुसार जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अनिता कटारिया के नेतृत्व में इस माह में होने वाली मातृ मृत्यु के कारणों की समीक्षा हेतु गठित मातृ मृत्यु समीक्षा समिति की बैठक सिविल सर्जन कार्यालय में आयोजित की गई। जिसमें संबंधित वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, एलएचवी, एएनएम एवं आंतरिक समिति सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान जिला होशियारपुर में इस माह के दौरान हुई दो मौतों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर चर्चा करते हुए जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अनिता कटारिया ने कहा कि मातृ मृत्यु की जांच के बाद यह तथ्य सामने आए हैं कि इन दोनों मौतों का कारण उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था के साथ कई सीजेरियन और प्रवासी गर्भवती महिलाएं हैं। जो महिलाएं अपने पति के काम के कारण थोड़े-थोड़े समय बाद अपना स्थान बदलती रहती हैं और अज्ञानता के कारण समय पर इलाज नहीं करा पाती हैं। उन्होंने कहा कि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार कर उनकी अतिरिक्त जांच करायी जाये ताकि उन्हें समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सके। उन्होंने वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और अन्य फील्ड स्टाफ से मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए आवश्यक उपाय करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गर्भवती महिला का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। उसकी सभी जांचें जैसे वजन, रक्तचाप, मधुमेह, एचबी, थायरॉयड, हेपेटाइटिस, स्कैन, ईसीजी और अन्य आवश्यक जांचें समय पर होनी चाहिए ताकि समय के साथ रहने वाली किसी भी समस्या का पता लगाया जा सके और उसका इलाज किया जा सके। प्रत्येक माह की 9 एवं 23 तारीख को पीएमएसएमए दिवस पर स्वास्थ्य संस्थानों पर गर्भवती महिलाओं की विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आवश्यक जांच एवं परीक्षण सुनिश्चित किया जाये।
