आज पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के संस्कृत विभाग में कारगिल शौर्य दिवस का आयोजन किया गया |

चंडीगढ़ 26 जुलाई, 2024:- आज पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के संस्कृत विभाग में कारगिल शौर्य दिवस का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्राची, सुप्रिया, दिव्यम ने वंदे भारत मातरम गीत का गान किया‌ | इस अवसर पर संस्कृत संस्थान, साधु आश्रम, होशियारपुर से विभागाध्यक्षा प्रो. रितू बाला भी उपस्थित रही |

चंडीगढ़ 26 जुलाई, 2024:- आज पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के संस्कृत विभाग में कारगिल शौर्य दिवस का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के प्रारम्भ में  प्राची,  सुप्रिया,  दिव्यम ने वंदे भारत मातरम गीत का  गान किया‌ |  इस अवसर पर  संस्कृत संस्थान,   साधु आश्रम,  होशियारपुर से विभागाध्यक्षा प्रो. रितू बाला भी उपस्थित रही | उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्ध पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस युद्ध में हमारे वीर जवानों ने वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी और कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त की उन्होंने कहा कि केवल सीमा पर ही नहीं अपितु  प्रत्येक जगह हमें अन्याय के विरुद्ध लड़ना  चाहिए | विभागाध्यक्ष प्रो.  वीरेंद्र कुमार अलंकार जी ने कहा कि जब पाकिस्तान ने 1999 में हमारे ऊपर हमला किया तब उनके सैनिक  चोटी पर थे और हमारे वीर जवान धरातल पर  थे लेकिन फिर भी अपने प्राणों की परवाह न करते हुए हमारे जवानों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए विजय प्राप्त की | विभाग की छात्रा प्राची ने 1999 में हुए कारगिल युद्ध के विषय में विस्तृत जानकारी दी | विभाग की  छात्रा  दिव्यम ने कविता , विभागीय शोध छात्रा रितू ने  ए मेरे प्यारे  वतन गीत एवं  दयानन्द चेयर से शोध छात्र संदीप ने कारगिल युद्ध पर अपने विचार प्रकट किये  |  विभाग के अध्यापक डॉ विक्रम जी ने एक कविता तथा  डॉक्टर तोमीर जी ने " शत-शत नमन भारत भूमि "  गीत गाया | विभाग की अध्यापिका डॉ. सुनीता जी  ने कहा कि हमारे वीर जवान भले ही आज शरीर से हमारे   बीच  उपस्थित नहीं हैं उन्होंने भारत भूमि के लिए लड़ते-लड़ते  वीरगति प्राप्त कर ली परंतु वे अपने यश रूपी शरीर से आज भी हमारे बीच जीवित हैं |  सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विजय भारद्वाज जी ने किया |