
रक्तदान आंदोलन को समर्पित राष्ट्रीय महिला व्यक्तित्व को याद किया गया।
नवांशहर: देश में रक्तदान आंदोलन के अग्रदूतों में से एक डॉ. श्रीमती कांता सरूप कृष्ण का शारीरिक निधन हो गया है। देश में रक्तदान जागरूकता के लिए समर्पित मशहूर शख्सियत की इच्छानुसार उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ में रह रहे परिवार द्वारा मेडिकल रिसर्च के लिए पीजीआई को सौंप दिया गया।
नवांशहर: देश में रक्तदान आंदोलन के अग्रदूतों में से एक डॉ. श्रीमती कांता सरूप कृष्ण का शारीरिक निधन हो गया है। देश में रक्तदान जागरूकता के लिए समर्पित मशहूर शख्सियत की इच्छानुसार उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ में रह रहे परिवार द्वारा मेडिकल रिसर्च के लिए पीजीआई को सौंप दिया गया।
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि स्थानीय बीडीसी ब्लड सेंटर की आधारशिला भी 1991 में श्रीमती डॉ. कांता सरूप कृष्ण जी ने अपने कर कमलों से रखी थी। आज रक्तदान केंद्र पर एक सादे शोक समारोह में याद किया गया.
इस मौके पर सुलक्षण सरीन, गुरिंदर सिंह तूर, जेएस गिद्दा, डॉ. अजय बग्गा ने दिवंगत आत्मा के रक्तदान आंदोलन को याद किया। इसके बाद डॉ. कांता सरूप कृष्ण की तस्वीर के सामने पुष्पांजलि अर्पित की और मोमबत्तियां जलाईं।
इस मौके पर जोगा सिंह साधड़ा, राजिंदर कौर गिद्दा, पलविंदर कौर बड़वाल, मैनेजर मनमीत सिंह और स्टाफ मौजूद था।
