पीईसी के ‘कौशल तत्परता प्री-प्लेसमेंट ट्रेनिंग - 2025’ में इंडस्ट्री लीडर्स ने छात्रों को किया प्रेरित

चंडीगढ़, 08 अप्रैल, 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के करियर डेवलपमेंट एंड गाइडेंस सेंटर (सीडीजीसी) द्वारा आयोजित ‘कौशल तत्परता प्री-प्लेसमेंट ट्रेनिंग – 2025’ कार्यक्रम के अंतिम दो दिन सफलता के साथ संपन्न हुए। हिटबुल्सऑय द्वारा प्रायोजित, इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को प्लेसमेंट के लिए तैयार करना और उनकी प्रोफ़ेशनल सोच को निखारना था।

चंडीगढ़, 08 अप्रैल, 2025: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के करियर डेवलपमेंट एंड गाइडेंस सेंटर (सीडीजीसी) द्वारा आयोजित ‘कौशल तत्परता प्री-प्लेसमेंट ट्रेनिंग – 2025’ कार्यक्रम के अंतिम दो दिन सफलता के साथ संपन्न हुए। हिटबुल्सऑय द्वारा प्रायोजित, इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को प्लेसमेंट के लिए तैयार करना और उनकी प्रोफ़ेशनल सोच को निखारना था।
4 से 6 अप्रैल तक पेक ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों को करियर में मार्गदर्शन, एप्टिट्यूड ट्रेनिंग और इंडस्ट्री से जुड़े रणनीतिक सत्रों का गहराई से अनुभव मिला। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने कई अनुभवी प्रोफेशनल्स से बातचीत की और उन्हें व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त किया।
डॉ. स्नेहा (संस्थापक, ड्रीम करियर यूनिवर्सिटी) ने करियर की दिशा पहचानने और उसमें मजबूती से आगे बढ़ने के टिप्स दिए। श्री राजीव मार्कंडे (उपाध्यक्ष, हिटबुल्सऑय) ने इंटरव्यू की बारीकियों और पर्सनल ब्रांडिंग पर प्रकाश डाला, वहीं डॉ. जसप्रीत आहलूवालिया (वीपी – एचआर, फिनवासिया) ने यह बताया कि टॉप रिक्रूटर्स फ्रेश ग्रैजुएट्स में क्या ढूंढ रहे हैं। इन विशेषज्ञों ने छात्रों के साथ करियर स्पष्टता, रिक्रूटमेंट रणनीतियाँ और कॉरपोरेट वर्ल्ड की बदलती अपेक्षाओं पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम के अंतिम दिन, श्री राजिंदर कुमार (करियर ट्रांज़िशन कोच एवं टेक रिक्रूटर) ने इंडस्ट्री के हायरिंग पैटर्न और करियर पिवटिंग रणनीतियों पर चर्चा की। मिस पूजा नायर (संस्थापक, प्रथम एचआर तथा लीगल सॉल्यूशंस) ने जॉब मार्केट में जरूरी कौशल और प्रभावशाली संवाद कौशल पर बात की। श्री के.जे.एस. खुराना (वाईस प्रेजिडेंट, हिटबुल्सऑय) ने छात्रों को वर्कफोर्स में संक्रमण, एप्टिट्यूड में महारत और सॉफ्ट स्किल्स के महत्व को समझाया—जो आज के रिक्रूटमेंट प्रोसेस में अहम पहलू हैं।
इन विशेषज्ञ वार्ताओं के अलावा छात्रों ने विभिन्न हैंड्स-ऑन सेशन्स में भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया, जिनमें ग्रुप डिस्कशन सिमुलेशन, केस स्टडी एनालिसिस, रिज़्यूमे बिल्डिंग, और एप्टिट्यूड वर्कशॉप्स शामिल थे। ये सभी सेशन्स छात्रों की निपुणता और आत्मविश्वास दोनों को मज़बूत करने के लिए डिजाइन किए गए थे।
सीडीजीसी के हेड  डॉ. जे.डी. शर्मा ने इस पहल को कॉलेज और कॉरपोरेट दुनिया के बीच की खाई को पाटने वाला बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन छात्रों में विकास की सोच और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं, जिससे वे पेशेवर जीवन की चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार होते हैं।
तीन दिनों का यह कार्यक्रम छात्रों की सक्रिय भागीदारी, विशेषज्ञों के साथ सार्थक संवाद और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के साथ समाप्त हुआ, और इसने पेक की उस प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत किया—जो वह हर छात्र को इंडस्ट्री-रेडी प्रोफेशनल और भविष्य का लीडर बनाने के लिए निभा रहा है।