
हरित हरियाणा के लिए एक पेड़ मां के नाम 2.0
चंडीगढ़, 9 जून-हरियाणा सरकार ने राज्य में व्यापक पौधरोपण अभियान चलाने तथा मजबूत जन भागीदारी के साथ पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के उद्देश्य से मां के नाम पर एक पेड़ 2.0 नामक एक महत्वपूर्ण पहल की है।
चंडीगढ़, 9 जून-हरियाणा सरकार ने राज्य में व्यापक पौधरोपण अभियान चलाने तथा मजबूत जन भागीदारी के साथ पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के उद्देश्य से मां के नाम पर एक पेड़ 2.0 नामक एक महत्वपूर्ण पहल की है।
मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य कार्य योजना की समीक्षा की गई। बैठक में इस अभियान को प्रमुख राष्ट्रीय मिशनों से जोड़ने तथा जिला स्तर पर प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने की रणनीति तैयार की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने इस बात पर जोर दिया कि मां के नाम पर एक पेड़ 2.0 को समग्र सरकार तथा समग्र समाज के नजरिए से क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान को मनरेगा, जन शक्ति अभियान, सफाई भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन तथा राष्ट्रीय हरित राजमार्ग मिशन जैसी प्रमुख राष्ट्रीय योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
इसके साथ ही योजना का प्रभाव तथा पहुंच भी बढ़ेगी। उन्होंने पिछले वर्ष लगाए गए पौधों की गहन समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया ताकि उनका निरंतर रखरखाव तथा विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। वर्ष 2025-26 के दौरान चलाए जाने वाले इस अभियान में बड़े पैमाने पर पौधारोपण गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
मिशन लाइफ के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के ईको क्लब के माध्यम से स्कूल आधारित पहलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि इस अभियान में अधिक से अधिक युवाओं और विद्यार्थियों को शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि कम उम्र में पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी पैदा करने से दूरगामी सामाजिक लाभ होंगे।
स्कूलों के अलावा सामुदायिक संगठनों और स्वयंसेवकों के साथ-साथ वन, शहरी स्थानीय निकाय, बागवानी, लोक निर्माण विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण भी इस पौधारोपण अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होंगे। जल शक्ति अभियान के तहत इस वर्ष की कैच द रेन 2025 थीम के अनुसार नदियों, नहरों, अमृत सरोवर और अन्य जल निकायों के किनारे ये गतिविधियां चलाई जाएंगी।
मुख्य सचिव श्री रस्तोगी ने अभियान के प्रभावी जमीनी क्रियान्वयन के लिए सभी उपायुक्तों को जिला पौधारोपण समितियों का गठन करने के निर्देश दिए। ये समितियां पौधरोपण के लिए स्थानों की पहचान, भूमि की उपलब्धता का आकलन और पौधों की मांग तैयार करने के साथ ही क्रियान्वयन योजनाओं को अंतिम रूप देंगी। बैठक में जिला स्तर पर प्रत्येक विभाग को पौधरोपण के लिए उपलब्ध भूमि का डाटा प्रस्तुत करने और पौध की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नर्सरियों के साथ मिलकर काम करने को कहा गया।
वन विभाग ने बताया कि इस वर्ष पौधरोपण अभियान के लिए 22 जिलों की 200 सरकारी नर्सरियों में 1.81 करोड़ पौधे उपलब्ध हैं। इस जानकारी के प्रचार-प्रसार के लिए विभाग ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर वन नर्सरियों पर एक पुस्तक का विमोचन किया है। नर्सरियों और उपलब्ध स्टॉक का विवरण विभाग की वेबसाइट haryanaforest.gov.in पर भी उपलब्ध है।
प्राधिकरण का उपयोग राज्य में पौधरोपण गतिविधियों की वास्तविक समय पर निगरानी के लिए किया जाएगा। स्कूलों द्वारा किए गए पौधरोपण का डाटा मिशनलाइफ पोर्टल के लिए ईको क्लब पर एक माइक्रोसाइट के माध्यम से लिया जाएगा। वन विभाग और अन्य विभागों द्वारा जारी किए गए अन्य सभी पौधरोपण को मेरीलाइफ पोर्टल https://merilife.nic.in पर अपलोड किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने जिला प्रशासन को एक पीर मां 2.0 के नाम से पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया अभियान शुरू करने का भी निर्देश दिया है। छात्रों को अपने स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में और उसके आसपास पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे स्थानीय हरित पहलों के प्रति स्वामित्व और गर्व की भावना पैदा होगी।
पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण ने कहा कि पिछले साल राज्य में 1.87 करोड़ पौधे लगाए गए, जिनमें से 52.21 लाख पौधे शहरी क्षेत्रों में और 134.44 लाख पौधे ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए। इस अभियान में 51 सरकारी विभागों और लाखों नागरिकों ने भाग लिया।
