कक्षा 1 की छात्रा कृतिका ने कूड़े में पड़े डिस्पोजल गिलासों से 250 पौधे तैयार किए।

नवांशहर - प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास, जो पानी और जमीन के प्रदूषण को बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं, बरसात के मौसम में नालों के माध्यम से नदी में पहुंचने वाला यह कचरा आज सबसे बड़ी समस्या है। जिससे जलीय जीवन के अलावा नदियों का अस्तित्व भी खतरे में है। ऐसे में जरूरी है कि या तो हम डिस्पोजल सामग्रियों का इस्तेमाल न करें या फिर मजबूरी में इस्तेमाल करना ही पड़े तो उन्हें फेंकने की बजाय उनका सही तरीके से इस्तेमाल करें। इसी तरह की अपील समय-समय पर श्री कृष्णा यूथ क्लब द्वारा भी की जाती रही है.

नवांशहर - प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास, जो पानी और जमीन के प्रदूषण को बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं, बरसात के मौसम में नालों के माध्यम से नदी में पहुंचने वाला यह कचरा आज सबसे बड़ी समस्या है। जिससे जलीय जीवन के अलावा नदियों का अस्तित्व भी खतरे में है। ऐसे में जरूरी है कि या तो हम डिस्पोजल सामग्रियों का इस्तेमाल न करें या फिर मजबूरी में इस्तेमाल करना ही पड़े तो उन्हें फेंकने की बजाय उनका सही तरीके से इस्तेमाल करें। इसी तरह की अपील समय-समय पर श्री कृष्णा यूथ क्लब द्वारा भी की जाती रही है. क्लब पिछले 2 वर्षों से ट्रैश इन इको ब्रिक्स अभियान चला रहा है, जिसके तहत स्कूल और कॉलेज के छात्रों को सिंगल यूज प्लास्टिक से इको ब्रिक्स या अन्य उपयोगी वस्तुएं बनाने के लिए जागरूक किया जाता है। इससे प्रेरित होकर गांधी चौक निवासी विशाल मुरगई और ज्योति मुरगई ने अपनी बेटी कृतिका मुरगई को कूड़े में पड़े डिस्पोजल ग्लास से पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। बता दें कि सेंट जोसेफ स्कूल में पहली कक्षा की छात्रा कृतिका ने कूड़े में पड़े डिस्पोजेबल प्लास्टिक के गिलासों में करीब 250 पौधे उगाए हैं, जिसमें उनके भाई पार्थ ने भी मदद की है। क्लब के सहयोग से आने वाले दिनों में ये पौधे शहर के विभिन्न स्थानों पर बांटे जाएंगे। पर्यावरण प्रेमी एवं क्लब के प्रधान अंकुश निझावन ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस भी है. हर साल पर्यावरण दिवस के मौके पर हम पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने का काम करते हैं। इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम तभी उपयोगी होते हैं जब कोई व्यक्ति ऐसे कार्यक्रमों और अभियानों से प्रेरित होकर पर्यावरण की रक्षा में मदद करता है। यह बहुत खुशी की बात है कि कक्षा पहली की छात्रा कृतिका मुरगई ने बेकार पड़े डिस्पोजल गिलासों का सदुपयोग करते हुए उनमें पौधे लगाए और लगभग 250 पौधे तैयार किए। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता अमित मुखेजा ने कृतिका के काम की सराहना की और उसके माता-पिता की भी सराहना की और कहा कि हम सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने बच्चों को पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रेरित करना चाहिए।