
"भाई वीर सिंह: जीवन, सृजन और विरासत" पुस्तक एक अलग माहौल बनाती है।
पटियाला, 25 मई - पंजाबी साहित्य में भाई वीर सिंह का अद्वितीय स्थान है। उन्होंने साहित्य की विभिन्न विधाओं में गौरवपूर्ण कार्य किया है। विभिन्न साहित्यकारों, लेखकों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने भाई साहब के जीवन और उनके उत्कृष्ट योगदान के बारे में बहुत कुछ लिखा और प्रकाशित किया है। पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के सहायक प्रोफेसर डॉ. हरजोध सिंह ने भाई वीर सिंह के जीवन और कार्यों पर पंजाबी साहित्य जगत को दूसरा बड़ा खंड "भाई वीर सिंह: जीवन, सृजन और विरासत" भी दिया है।
पटियाला, 25 मई - पंजाबी साहित्य में भाई वीर सिंह का अद्वितीय स्थान है। उन्होंने साहित्य की विभिन्न विधाओं में गौरवपूर्ण कार्य किया है। विभिन्न साहित्यकारों, लेखकों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने भाई साहब के जीवन और उनके उत्कृष्ट योगदान के बारे में बहुत कुछ लिखा और प्रकाशित किया है। पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के सहायक प्रोफेसर डॉ. हरजोध सिंह ने भाई वीर सिंह के जीवन और कार्यों पर पंजाबी साहित्य जगत को दूसरा बड़ा खंड "भाई वीर सिंह: जीवन, सृजन और विरासत" भी दिया है।
इस अमूल्य कार्य की व्यापक सराहना हुई है। भाई वीर सिंह से जुड़े सभी पहलुओं को अलग-अलग शीर्षकों के अंतर्गत बहुत ही सलीके से प्रस्तुत किया गया है। इस किताब के बारे में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज फॉर वूमेन, कठुआ की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गुरप्रीत कौर का कहना है कि वीर सिंह लाइफ, लिटरेचर एंड हेरिटेज बुक (वॉल्यूम-2) एक ऐसी फूलों की बगिया है, जिसमें कई तरह के फूल खिले हुए नजर आते हैं। अपने-अपने, कुछ पूरे शबाब पर हैं और कुछ इस चमन के लिए अपनी ख़ुशबू दिखा रहे हैं। इसी प्रकार अन्य कई प्रतिभाशाली उपलब्धियां हासिल करते हुए यह किताब सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि एक अलग माहौल रचने वाली महान किताब है।
जिसके माध्यम से पाठक, शोधकर्ता एवं विद्वान अपने ज्ञान को समृद्ध कर सकेंगे। इस पुस्तक में बिबेक-बुद्ध के संगम ने भाई वीर सिंह के कार्यों के कलात्मक और विषयगत दायरे को बढ़ाया और परिष्कृत किया है। इस परियोजना को पूरा करने में सरदार मौता सिंह सराय प्रबंधक यूरोपियन पंजाबी साथ के अथक प्रयासों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ. हरजोध सिंह जिस प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं वह सराहनीय है।
