
कवियों ने राजनीतिक सुधार के लिए काव्यात्मक तंज कसे
बंगा, 20 मई - नवजोत साहित्य संस्था औड़ की वार्षिक बैठक अध्यक्ष गुरनेक शेर की अध्यक्षता में हुई। इस सभा में संस्था के सदस्य कवियों ने चुनाव के माहौल में राजनीतिक सुधार के लिए मार्मिक रचनाएँ सुनाईं। अपनी कविता के माध्यम से लोगों के कल्याण की वकालत करते हुए उन्होंने 'लारे लप्पे' राजनीति को उलटने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस मुशायरे में गुरनेक शेर, हरि कृष्ण पटवारी, सुच्चा राम जाडला, राम नाथ कटारिया, हरमिंदर हैरी, दविंदर बेगमपुरी, सुरजीत मजारी, हरबंस कौर करियाम, राजिंदर जस्सल ने हिस्सा लिया।
बंगा, 20 मई - नवजोत साहित्य संस्था औड़ की वार्षिक बैठक अध्यक्ष गुरनेक शेर की अध्यक्षता में हुई। इस सभा में संस्था के सदस्य कवियों ने चुनाव के माहौल में राजनीतिक सुधार के लिए मार्मिक रचनाएँ सुनाईं। अपनी कविता के माध्यम से लोगों के कल्याण की वकालत करते हुए उन्होंने 'लारे लप्पे' राजनीति को उलटने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस मुशायरे में गुरनेक शेर, हरि कृष्ण पटवारी, सुच्चा राम जाडला, राम नाथ कटारिया, हरमिंदर हैरी, दविंदर बेगमपुरी, सुरजीत मजारी, हरबंस कौर करियाम, राजिंदर जस्सल ने हिस्सा लिया।
सभा के दौरान दिवंगत कवि सुरजीत पातर और साहित्यकर्मी हरबंस ह्युन को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर जानकारी दी गई कि संस्था की सलाहकार रजनी शर्मा के नेतृत्व में 8 जून को शाम 5 बजे 'यक्का' करियाम में 'साहित्यिक संध्या' मनाई जा रही है. इस अवसर पर संस्था के सदस्य कवियों के अलावा लुधियाना, जालंधर और चंडीगढ़ के प्रसिद्ध कवि भी भाग लेंगे।
इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष गुरनेक शेर व सचिव सुरजीत मजारी ने कहा कि संस्था के बैनर तले चुनाव के दौरान साहित्य क्षेत्र की महत्वपूर्ण मांगों व महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के साथ बैठकें की जा रही हैं. घोषणा पत्र में दर्ज उम्मीदवारों को हटाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. अंत में विनय शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया।
