‘भारतीय इतिहास कांग्रेस’ के तीसरे दिन देश-विदेश से आए प्रतिनिधियों ने प्रस्तुत किए शोध पत्र

पटियाला, 30 दिसंबर- पंजाबी यूनिवर्सिटी में चल रहे ‘भारतीय इतिहास कांग्रेस’ के 83वें सत्र के तीसरे दिन भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों से आए प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया और इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

पटियाला, 30 दिसंबर- पंजाबी यूनिवर्सिटी में चल रहे ‘भारतीय इतिहास कांग्रेस’ के 83वें सत्र के तीसरे दिन भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों से आए प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया और इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
 शोध पत्रों के संदर्भ में आयोजित रचनात्मक बहस में विभिन्न ऐतिहासिक बिंदु उभर कर सामने आए। पंजाबी यूनिवर्सिटी से इस सत्र के स्थानीय सचिव प्रो. मोहम्मद इदरीस ने बताया कि भारतीय इतिहास कांग्रेस के इस सत्र में प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत, आधुनिक भारत, समकालीन भारत, पुरातत्व और भारत के अलावा अन्य देशों से संबंधित पैनलों में रचनात्मक अकादमिक चर्चाएं हुईं। 
उन्होंने बताया कि इन पैनलों के अलावा ‘पंजाब: अतीत और वर्तमान’, अलीगढ़ इतिहासकारों का पैनल, शहरी इतिहास और दलित इतिहास पर विशेष सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विद्वानों और शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत विचारों के माध्यम से इतिहास पर महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं। इस 83वें समागम में छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की बेमिसाल शहादत को याद करने और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान को जानने के लिए भी विशेष समय रखा गया। 
दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयकर विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ. आशीष अबरोल और मालेरकोटला के विधायक डॉ. मोहम्मद जमील गरिमामय तरीके से मौजूद रहे।