
पंजाब में पुलिस मुठभेड़ें, गैंगस्टरों के नाम पर फिरौती, प्रमुख लोगों की हत्याएँ, पुलिस हिरासत में मौतें, ये सब पंजाब में पुलिस राज्य स्थापित करने के इरादे से किया जा रहा है।
चंडीगढ़: 9 जुलाई 2025- पंजाब में पुलिस मुठभेड़ों, गैंगस्टरों के नाम पर फिरौती, प्रमुख लोगों की हत्याएँ, पुलिस हिरासत में मौतें और गिरफ्तार युवाओं के पैरों और हाथों में गोली मारने की लगातार हो रही घटनाओं से स्पष्ट है कि यह सब पंजाब में पुलिस राज्य स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
चंडीगढ़: 9 जुलाई 2025- पंजाब में पुलिस मुठभेड़ों, गैंगस्टरों के नाम पर फिरौती, प्रमुख लोगों की हत्याएँ, पुलिस हिरासत में मौतें और गिरफ्तार युवाओं के पैरों और हाथों में गोली मारने की लगातार हो रही घटनाओं से स्पष्ट है कि यह सब पंजाब में पुलिस राज्य स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
पूर्व न्यायाधीश रणजीत सिंह की अध्यक्षता में आज आयोजित पंजाब मानवाधिकार संगठन के राज्य पदाधिकारियों की बैठक में वर्तमान स्थिति पर चर्चा के दौरान उपरोक्त विचार उभर कर आए। संगठन के कार्यालय सचिव डॉ. खुशहाल सिंह द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि सरकारी दबाव के कारण पंजाब को पहले झेले गए कष्टों की ओर वापस धकेला जा रहा है।
संवैधानिक और कानून के शासन के माध्यम से गैंगस्टरवाद को नियंत्रित करने के बजाय, जंगल राज का आतंक का माहौल बनाया जा रहा है। अबोहर में एक प्रमुख व्यवसायी के हत्यारों की कथित रूप से मदद करने वाले युवक को गिरफ्तार कर मुठभेड़ में मार गिराने की कहानी पहली नज़र में ही संदिग्ध लगती है।
बयान में पंजाब में सरकार विरोधी राजनीतिक दलों और जन संगठनों द्वारा ऐसे माहौल और घटनाओं को गंभीरता से लेने के बजाय चुप्पी साधने पर भी चिंता व्यक्त की गई है, जबकि वास्तविकता यह है कि सरकार हर मुद्दे पर आंदोलन और अलग-अलग राय से पुलिस के डंडे के बल पर निपट रही है।
बयान में इस मुद्दे पर ज़ोर दिया गया है कि पुलिस की ज़िम्मेदारी क़ानून को अपने हाथ में लेना, जाँच करना और हत्या व जबरन वसूली जैसे अपराध करने वाले सभी प्रकार के अपराधियों को न्याय और सज़ा के लिए अदालतों को सौंपना है, न कि ख़ुद सज़ा देना।
पंजाब मानवाधिकार संगठन ने सभी पंजाबियों से एकजुट होकर पुलिसिया राज के इन संकेतों का विरोध करने और मानवाधिकारों व विचारों की स्वतंत्रता की रक्षा करने की अपील की है। बैठक में उपाध्यक्ष डॉ. प्यारा लाल गर्ग, महासचिव मलविंदर सिंह माली, संगठन सचिव हमीर सिंह भी शामिल हुए।
