
हाईकोर्ट ने जामिया परिसर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के निलंबन पर रोक लगाई
नई दिल्ली, 4 मार्च - दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिना अनुमति के परिसर में विरोध प्रदर्शन करने वाले जामिया मिलिया इस्लामिया के कई छात्रों के निलंबन पर मंगलवार को रोक लगा दी। उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कुलपति की निगरानी में विश्वविद्यालय के अधिकारियों की एक समिति गठित करने का भी आदेश दिया और कहा कि वे चर्चा में छात्र प्रतिनिधियों को भी शामिल करें।
नई दिल्ली, 4 मार्च - दिल्ली उच्च न्यायालय ने बिना अनुमति के परिसर में विरोध प्रदर्शन करने वाले जामिया मिलिया इस्लामिया के कई छात्रों के निलंबन पर मंगलवार को रोक लगा दी।
उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कुलपति की निगरानी में विश्वविद्यालय के अधिकारियों की एक समिति गठित करने का भी आदेश दिया और कहा कि वे चर्चा में छात्र प्रतिनिधियों को भी शामिल करें। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने विश्वविद्यालय से इस मामले में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। अदालत जामिया के चार छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय प्रॉक्टर के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें निलंबित कर दिया गया था और परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। छात्रों के वकील अदालत में उपस्थित हुए और दावा किया कि वे शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
जामिया का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अमित साहनी और किस्ले मिश्रा ने तर्क दिया कि छात्रों ने विरोध प्रदर्शन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली थी और उन्होंने संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। वकील ने कहा कि छात्र कैंटीन के बाहर सो रहे थे, जिसकी अनुमति नहीं थी।
उल्लेखनीय है कि फरवरी माह में विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर हिरासत में लिया था। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि कुछ छात्र घंटों तक लापता रहे, जिसके कारण विरोध प्रदर्शन और बढ़ गया। हालाँकि, लगभग 12 घंटे बाद सभी छात्रों को रिहा कर दिया गया।
