
दो दिवसीय सीबीएसई इनहाउस प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
हरियाणा/हिसार: संजय गांधी मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल, धनोरा-लाडवा में सीबीएसई के तत्वाधान में 28 व 30 जून 2025 को दो दिवसीय सीबीएसई इनहाउस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार सभी शिक्षकों को सीबीएसई द्वारा आयोजित इनहाउस प्रशिक्षण कार्यक्रम के कम से कम 25 घंटे तथा सीबीपी के 25 घंटे के प्रशिक्षण को पूरा करना अनिवार्य है।
हरियाणा/हिसार: संजय गांधी मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल, धनोरा-लाडवा में सीबीएसई के तत्वाधान में 28 व 30 जून 2025 को दो दिवसीय सीबीएसई इनहाउस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र शर्मा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुसार सभी शिक्षकों को सीबीएसई द्वारा आयोजित इनहाउस प्रशिक्षण कार्यक्रम के कम से कम 25 घंटे तथा सीबीपी के 25 घंटे के प्रशिक्षण को पूरा करना अनिवार्य है।
रिसोर्स पर्सन कविता लालर व मोनिका जिंदल ने उपस्थित लोगों को पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा जीवन कौशल के बारे में जानकारी दी। इस कार्यक्रम से करीब 55 शिक्षक लाभान्वित हुए। पहले दिन रिसोर्स पर्सन ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर जोर दिया, जिसमें उन्हें विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से बचना, कार पूलिंग को अपनाना, सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना, छोटी दूरी तय करने के लिए साइकिल का उपयोग करना और वनरोपण करना आदि शामिल हैं।
सत्र बहुत जानकारीपूर्ण था और सभी प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी के साथ अच्छी तरह से समन्वित और व्यवस्थित था। दूसरे दिन शिक्षकों को आत्म जागरूकता, सहानुभूति, आलोचनात्मक सोच, रचनात्मक सोच, निर्णय लेने, समस्या समाधान, पारस्परिक कौशल, प्रभावी संवाद, तनाव का सामना करना, भावनाओं का प्रबंधन आदि सहित जीवन कौशल के महत्व से अवगत कराया। कहानी सुनाना, सौहार्दपूर्ण माहौल में सभी जीवन कौशल पर विस्तृत समूह चर्चा सहित गतिविधियों के सत्र आयोजित किए गए।
प्रधानाचार्य नरेन्द्र शर्मा ने अपने समापन भाषण में आशा व्यक्त की कि शिक्षक अपने कक्षाओं में तथा जीवन में भी सभी कौशलों का कुशलतापूर्वक अभ्यास करेंगे। शिक्षक विद्यार्थियों को पर्यावरण के क्षरण के विरुद्ध शिक्षित करेंगे तथा उन्हें प्रकृति के संरक्षण तथा कम से कम एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करेंगे।
