
पीसीओडी: महिलाओं की एक गंभीर बीमारी
आज की महिलाओं में तेज़ी से फैल रहा एक सामान्य लेकिन गंभीर स्त्री रोग है। यह समस्या मुख्य रूप से प्रजनन आयु यानी 15-45 वर्ष की महिलाओं को प्रभावित करती है। इस रोग में महिलाओं के अंडाशय में सामान्य रूप से ही बड़े हो जाते हैं व इनमें छोटी छोटी गाँठें बनने लगते हैं जिन्हें सिस्ट कहते हैं। हार्मोनल असंतुलन के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है।
मोहाली, 20 अगस्त-
परिचय :
आज की महिलाओं में तेज़ी से फैल रहा एक सामान्य लेकिन गंभीर स्त्री रोग है। यह समस्या मुख्य रूप से प्रजनन आयु यानी 15-45 वर्ष की महिलाओं को प्रभावित करती है। इस रोग में महिलाओं के अंडाशय में सामान्य रूप से ही बड़े हो जाते हैं व इनमें छोटी छोटी गाँठें बनने लगते हैं जिन्हें सिस्ट कहते हैं। हार्मोनल असंतुलन के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है।
कारण-
वैसे तो PCOD के सहि कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं ।लेकिन कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार है :
हार्मोनल असंतुलन : पुरुष हॉर्मोन का शरीर में बढ़ जाना।
पुरुष हार्मोन्स स्त्रियों में अधिक होना।
अनुवांशिकता :परिवार में पहले से समस्या होना।
अस्वस्थ जीवनशैली :जंक फ़ूड ,नींद की कमी ,तनाव व शारीरिक गतिविधि की कमी ।
इंसुलिन प्रतिरोध :शरीर में शुगर को नियंत्रित करने की क्षमता कम होना।
लक्षण-
PCOD की समस्या के लक्षण इस प्रकार है :
मासिक धर्म का और नियमित होना या बंद होना ।
चेहरे पर अनचाहे बाल आना ।
वज़न तेज़ी से बढ़ना ।
चेहरे पर पिंपल्स वह तैलीय त्वचा का होना ।
बालों का झड़ना व गंजापन ।
गर्भधारण करने में कठिनाई होना ।
PCOD के स्वास्थ्य पर प्रभाव-
समय पर इलाज न किया जाए तो यह 1 गंभीर समस्या का रूप ले सकते हैं :
मधुमेह
हृदय रोग व उच्च रक्तचाप
मानसिक तनाव
उपचार-
इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन जीवन शैली में सुधार करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है ।
संतुलित आहार :जंक फ़ूड से बचें हरी सब्ज़ियां ,फलों का सेवन करें ।
नियमित व्यायाम :योग ,प्राणायाम वह रोज़ाना मिनट की शारीरिक गतिविधि।
वज़न नियंत्रण :मोटापा इस रोग को बढ़ाता है ,वज़न को नियंत्रण में रखें ।
तनाव कम करें :मेडिटेशन व प्राणायाम करें पर्याप्त नींद लें ।
चिकित्सक की सलाह : आवश्यकता पढ़ने पर योग्य चिकित्सक से परामर्श करें ।
PCOD एक चुनौती है लेकिन सही खानपान व जीवनशैली से किसी हद तक इसे नियंत्रित किया जा सकता है ।समय पर इलाज व जागरूकता से महिलाएँ स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
